नई दिल्ली। भारत का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कू (KOO) आखिरकार बंद होने जा रहा है। इसकी जानकारी खुद कंपनी को को-फाउंडर मयंक बिदावतका ने दी है. उन्होंने अपने लिंक्डइन हैंडल पर लिखा कि छोटी पीली चिड़िया फाइनल गुडबाय कहती है। 

दरअसल, माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर को टक्कर देने के लिए अप्रमेय राधाकृष्ण और मयंक ने भारत के लिए ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म कू को बनाया था। यह वो दौर था जब गाइडलाइंस को लेकर भारत सरकार और ट्विटर के बीच टकराव चरम पर थी।

ऐसे वक्त में Koo ने एंट्री ली और भारत में यूज़रों को स्थानीय भाषाओं में सेवाएं प्रदान करते हुए अमेरिकी इंटरनेट सेवाओं का विकल्प बनने की कोशिश की। देश के प्रधानमंत्री समेत ज्यादातर केंद्रीय मंत्रियों ने Koo को प्रमोट करने के लिए साईट पर अकाउंट भी बनाए थे। उस वक्त ट्विटर को अन इंस्टॉल करने संबंधी कैंपेन भी चलते थे।

साल 2021 में यूजर्स में Koo को लेकर खुमार था लेकिन कुछ ही महीनों में यह कम हो गया और आखिरकार वह समय आ गया जब इसे बंद करने की तैयारी है। दरअसल, ट्विटर को जब एलन मस्क ने खरीदकर पेड ब्लू टिक देने की व्यवस्था शुरू की तब एक्स को टक्कर देने के लिए Koo ऐप द्वारा फ्री में यूजर्स को येलो टिक जारी की गई। ताली ज्यादा से ज्यादा यूजर्स को कू ऐप पर जोड़ा जा सके। 

Koo ऐप को शुरुआत में अच्छा रेस्पांस मिलता है। हालांकि koo ऐप ग्लोबल कंप्टीशन के बीच खुद को मजबूत नहीं रख पाता है। साथ ही Koo ऐप को फंडिंग मिलने में दिक्कत हो जाती है। ऐसे में कू ऐप DailyHunt के साथ मर्जर की कोशिश की। हालांकि यह प्लान भी अंजाम तक नहीं पहुंच सका, जिसके बाद Koo ऐप के को-फाउंडर अपरामेय राधाकृष्णा और को-फाउंड मयक बिदवात्का ने कू ऐप को बंद करने का ऐलान कर दिया है।