18 मई से लागू होने वाले चौथे चरण के लॉकडाउन का स्वरूप इस बार अलग रहेगा। बताया जा रहा है कि संक्रमित क्षेत्रों को छोड़कर बाकी जगहों पर छूट का दायरा बढ़ेगा। संक्रमित क्षेत्रों में आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी। यहां सख्ती जारी रहेगी। लेकिन 80% केस वाले जोन को ही रेड ज़ोन माना जाएगा। 20% केसों वाले एरिया ऑरेज ज़ोन में और बाकी ग्रीन जोन में आएंगे। ग्रीन जोन में अधिकांश गतिविधियों को शुरू करने की छूट सावधानियां बरतने की शर्त पर दी जा सकती हैं।

Click  कलेक्‍टर ने बताया काम शुरू करने का प्‍लान

लॉकडाउन के चौथे चरण में छूट देने और कहां क्‍या कार्य आरंभ होंगे इसकी पूरी कार्य योजना के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने देश के सभी मुख्यमंत्रियों से योजनाओं का ब्लू प्रिंट मांगा था। आज लॉकडाउन की अवधि समाप्‍त होने के बाद अब अगले लॉकडाउन की रूपरेखा जारी होगी। एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी अपने सुझाव प्रधानमंत्री को भेजें है।

सूत्रों के अनुसार एमपी में रेड जोन का रूप बदला जाना तय किया गया है। कंटेन्मेंट क्षेत्र में ना कोई ढील मिलेगी और ना ही कोई निर्माण कार्य किया जा सकेगा। इन इलाकों में परिवहन भी बंद रहेगा। मोटरसाइकिल, निजी चार पहिया वाहन को छूट रहेगी। खाने की होम डिलीवरी चालू रहेगी। अब कंटेंटमेंट जोन का दायरा बढ़ा कर उसे बफर में बदला जाएगा। प्राइवेट आफिस 33% कर्मचारियों के साथ खोले जा सकेंगे। कन्टेनमेंट क्षेत्र के अलावा बाकी जगहों पर खुल सकेंगी दुकाने। कंटेन्मेंट क्षेत्र के बाहर रहने के लिए होटल खोले जा सकेंगे। कंटेन्मेंट जोन के बाहर 25 श्रमिकों के साथ निर्माण कार्य किया जा सकेगा। भीड़ भाड़ वाले इलाके में आफिस बंद रखा जाएगा।

राज्य सरकार चाहती है कि जोन की परिभाषा भी बदली जाए। राज्य की मांग है कि कुल संक्रमित केस की 80 फीसदी संख्या वाले जिले को रेड जोन माना जाए। अगर कंटेनमेंट क्षेत्र नगर निगम के दायरे में आता हो तो इसकी सीमा से बाहर वाले क्षेत्रों को ऑरेंज जोन माना जाएगा। अगर ऐसा होगा तो एमपी से इंदौर, भोपाल और उज्‍जैन ही रेड जोन में होंगे। यदि एमपी का सुझाव माना जाता है तो जिन जिलों में 20 केस या उससे अधिक केसेज हैं वह ऑरेंज जोन में कहलाएंगे। इनमें बुरहानपुर, जबलपुर, खरगौन, धार, खंडवा, रायसेन, देवास, मंदसौर, नीमच, होशंगाबाद, ग्वालियर, रतलाम, बड़वानी व मुरैना के क्षेत्र आएंगे। इन जिलों के कंटेन्मेंट क्षेत्र को छोड़ बाकी अन्य इलाके ग्रीन जोन कहलाएंगे। 20 से कम केस वाले जिले को ग्रीन ज़ोन में रखा जायेगा।