नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जारी तनाव को कम करने के लिए लगभग ढाई महीने बाद आज फिर से कोर कमांडर स्तर की वार्ता हो रही है। यह बैठक चौदहवीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन और दक्षिण शिंजियांग मिलिस्ट्री क्षेत्र के कमांडर मेजर जनरल लियू लिन के बीच हो रही है। बातचीत में कोर कमांडरों के साथ-साथ विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के भी शामिल होने की खबर है। यह वार्ता एलएसी के पास चुशूल सेक्टर के सामने चीन के नियंत्रण वाले मोल्डो बॉर्डर प्वाइंट पर हो रही है।

बैठक का लक्ष्य पूर्वी लद्दाख में नौ महीनों से जारी तनाव का समाधान निकालना है। इस वार्ता को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस वार्ता में दोनों पक्षों के बीच एक लिखित समझौता हो सकता है। बातचीत एलएसी पर तनावपूर्ण इलाकों से सैनिकों की पूरी तरह से वापसी पर केंद्रीत होगी, ताकि बॉर्डर पर शांति स्थापित हो सके।

वार्ता से पहले विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा था कि भारत और चीन ने जल्द ही वरिष्ठ कमांडर-स्तर की बैठक के अगले दौर को आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की है और दोनों पक्ष राजनयिक और सैन्य माध्यमों से करीबी संपर्क बनाए हुए हैं। गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच इससे पहले कई बार सैन्य और राजनयिक स्तर की वार्ता हो चुकी है। लेकिन अब तक वास्तविक नियंत्रण रेखा पर न तो स्थिति सामान्य हो सकी है और न ही इस दिशा में कोई बड़ी सफलता हासिल हो सकी है।

दोनों पक्षों के बीच सैन्य वार्ता के आठवें और अंतिम दौर की बातचीत 6 नवम्बर, 2020 को हुई थी। उस वक्त चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने भरोसा दिलाया था कि उनके फ्रंटलाइन सैनिकों को संयम बरतने और किसी भी गलतफहमी से बचने को कहा जाएगा। उस बैठक के दौरान ही नवें दौर की वार्ता को लेकर भी सहमति बनी थी।