नईदिल्ली। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग एंड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी अपने 350 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने जा रही है। कंपनी का कहना है कि कोविड-19 महामारी के प्रभाव के कारण उसे यह कदम उठाना पड़ रहा है। कंपनी ने इसी साल मई के महीने में भी 1100 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला था। स्विगी ने अपने एक बयान में कहा है कि, 'इंडस्ट्री अब भी 50 फीसदी ही रिकवर कर पाई है। हमें अपने खर्चों में कटौती करने के लिए यह कदम उठाना पड़ रहा है। इससे 350 लोगों की नौकरी जाएगी।'

देशभर में कोरोना महामारी के लगातार बढ़ रहे मामलों के बीच लोगों की नौकरियां जाने का सिलसिला भी नहीं थम रहा है। ऑनलाइन फूड डिलीवरी एप स्विगी का बिजनेस इस महामारी के कारण बुरी तरह से प्रभावित हुआ है जिसके कारण कंपनी अपने 300 कर्मचारियों की छंटनी करेगी। कंपनी ने कहा कि उसे मई के अंत में कर्मचारियों की संख्या सीमित करने का काम शुरू किया था और अब यह पूरा हो चुका है। स्विगी ने कहा कि वह नौकरी गंवाने वाले कर्मचारियों के बोझ को कम करने के लिए पूरी कोशिश करेगी। उन्हें तीन से आठ महीने का वेतन भी दिया जाएगा। यह कंपनी में उनकी सर्विस के आधार पर दी जाएगी। स्विगी ने प्रभावित कर्मचारियों को ईसॉप्स, दुर्घटना और टर्म इंश्योरेंस तथा उन्हें और उनके परिवारों के लिए दिसंबर 2020 तक हेल्थ इंश्योरेंस की सुविधा देने का निर्णय लिया है।

कोरोना संक्रमण के भय के बीच देशभर के तमाम बड़े शहरों के रहवासियों ने होटल और रेस्टोरेंट से दूरी बना ली है। इसका असर खाना-नाश्ते की ऑनलाइन बुकिंग के कारोबार पर भी पड़ा है। अब स्थिति यह है कि रेस्टोरेंट और होटल संचालकों के साथ ऑनलाइन डिलीवरी करने वाली कंपनियों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। बिजनेस पर काफी असर पड़ने के कारण कंपनियों के पास लोगों को वेतन देने के भी पैसे नहीं हैं। ऑनलाइन खाना या अन्य वस्तुएं मंगाने वाले ग्राहकों में छात्र-छात्राओं की संख्या अधिक होती है लेकिन, इन दिनों कॉलेज और यूनिवर्सिटीयों में भी छुट्टी चल रही है। इसकी वजह से भी ऑनलाइन बुकिंग पर काफी असर हुआ है। इसके अलावा बैठक और सेमिनार जैसे एक्स्ट्रा गतिविधियां भी ठप हो गई हैं। इनमें शामिल होने वालों के लिए भी खाने के पैकेट की ऑनलाइन बुकिंग होती थी जो अब बंद हो गया है।