दिल्ली। फिल्मों की तरह अब जल्द ही ओवर द टॉप यानि OTT प्लेटफार्म पर दिखाए जाने वाली फिल्मों और वेब सीरीज की भी सेंसरशिप शुरू हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इनकी स्क्रीनिंग फिल्मों की तरह ही होनी चाहिए, क्योंकि कुछ OTT प्लेटफॉर्म्स पर आपत्तिजनक एडल्ट कंटेंट दिखाया जा रहा है। इसे रोकने के लिए कोर्ट ने केंद्र से OTT प्लेटफार्म पर प्रसारित होने वाले कंटेंट की स्क्रीनिंग करने को कहा है।

कोर्ट का मानना है कि अब फिल्म देखने का तरीका बदल गया है। पारंपरिक तरीके की बजाय लोग इंटरनेट पर ज्यादा फिल्में देखना पसंद करते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से सोशल मीडिया और ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स को कंट्रोल करने के लिए गाइडलाइन्स बनाने को कहा है। दरअसल ये बातें कोर्ट ने अमेजन की क्रिएटिव हेड अपर्णा पुरोहित की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कहीं।

कोर्ट के आदेश के बाद अब OTT प्लेटफॉर्म में प्रसारित होने वाले कंटेट पर सख्त नजर रखी जाएगी। फिल्म निर्माताओं को बताना होगा कि उनका कंटेंट किस उम्र के लोगों के लिए है। 

तांडव वेब सीरीज़ पर प्रधानमंत्री पद की गरिमा को ठेस पहुंचाने और हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करने जैसे आरोप लगाए गए हैं।  इससे सिलसिले में मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के तीन शहरों लखनऊ, नोएडा और शाहजहांपुर में वेब सीरीज़ के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है।

जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र को कहा है कि सोशल मीडिया के नियंत्रण संबंधी गाइड लाइन्स की जानकारी शुक्रवार को कोर्ट में दें। दरअसल शुक्रवार को ही अमेजन प्राइम की इंडिया हेड अर्पणा पुरोहित की अग्रिम जमानत पर भी सुनवाई होगी। अपर्णा की अग्रिम जमानत की अर्जी इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ठुकरा दी थी। जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सीनियर वकील मुकुल रोहतगी ने इंडिया हेड अपर्णा पुरोहित के बचाव में कहा कि वे अमेजन की कर्मचारी हैं। न तो वे तांडव की प्रोड्यूसर हैं और न ही एक्टर, फिर भी तांडव से जुड़े 10 मामलों में उन्हें आरोपी बनाया गया है।