मध्यप्रदेश का महिला बाल विकास विभाग ‘रोशनी’ से चमकेगा। जी हां, महिलाओं के विकास के लिए सतत काम करने वाले विभाग ने नारी शक्ति के लिए प्रेरणा बनीं रोशनी भदौरिया को विभाग का ब्रांड एम्बेसडर बनाया है।  

भिंड जिले के छोटे से गांव अजनोल रहने वाली रोशनी ने देशभर में सबका ध्यान खींचा था, उसकी वजह थी पढ़ाई के लिए उसका संघर्ष। रोशनी स्कूल पहुंचने के लिए रोजाना 24 किलोमीटर का सफर तय करती थीं। बावजूद इसके उनकी पढ़ाई के प्रति ललक बढ़ती रही । रोशनी ने कक्षा 10वीं में परीक्षा में 98.75 फीसदी अंक लाकर मेरिट लिस्ट में स्थान हासिल किया। रोशनी की सफलता नारी शक्ति के दृढ़ संकल्प की जीती जागती मिसाल है। यही वजह है कि उन्हे महिला बाल विकास विभाग की ब्रांड एम्बेसडर बनाया गया है।

स्कूल पहुंचने के लिए चलाती थीं 24 किलोमीटर साइकिल

रोशनी को अजनेल गांव से मेहगांव स्थित स्कूल तक पहुंचने के लिए कई चुनौतियां का सामना करना पड़ता था। चाहे मौसम की मार हो या साइकिल से 24 किलोमीटर का सफर, नन्ही रोशनी सभी मुश्किलों को पार करते अपनी मंजिल तक पहुंची। रोशनी का सपना है कि वो अपनी पढ़ाई पूरी करके आईएएस बने और देश की सेवा करें। महिला बाल विकास के ब्रांड एम्बेसडर बनने की सूचना रोशनी को फोन पर मिली। जिसके बाद रोशनी के परिवार समेत पूरे अजनोल गांव में खुशी का माहौल है।

नई जिम्मेदारी के लिए तैयार हैं रोशनी

नई जिम्मेदारी के बारे में रोशनी का कहना है कि उसे इस बारे में ज्यादा पता नहीं है कि ब्रांड एम्बेसडर क्या करते हैं लेकिन अगर किसी के लिए प्रेरणा बनने की ज़िम्मेदारी मिली है तो उसे पूरी शिद्दत से निभाएंगी। रोशनी ने बताया कि अभी आगे भी 11वीं और 12वीं की पढ़ाई पर ध्यान देना है, क्योंकि आगे की पढ़ाई ज्यादा महत्वपूर्ण है। रोशनी का जज्बा आज लोगों के लिए प्रेरणा बन चुका है। रोशनी भदौरिया तैयार हैं प्रदेश की बेटियों को नई राह दिखाने के लिए। ताकि हर बेटी अपने सपने के लिए दृढ़ संकल्पित होकर आगे बढ़े और उसका जीवन भी रोशन हो सेक। रोशनी की मेहनत और पढ़ाई के लिए लगन ने उनके परिवार समेत भिण्ड जिले और मध्यप्रदेश का नाम भी रोशन किया है। देशभर में रोशनी के संघर्ष की कहानी के चर्चे हुए और अब रोशनी महिला एवं बाल विकास विभाग के जरिए लोगों का जीवन रोशन करने के लिए तैयार हैं ।