छत्तीसगढ़ के पहले व पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी निधन हो गया है। उन्‍हें शुक्रवार को 48 घंटों में दूसरी बार कार्डिएक अरेस्ट आया था। उनके पुत्र अमित जोगी ने ट्वीट कर कहा कि 20 वर्षीय युवा छत्तीसगढ़ राज्य के सिर से आज उसके पिता का साया उठ गया। केवल मैंने ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ ने नेता नहीं,अपना पिता खोया है। माननीय अजीत जोगी जी ढाई करोड़ लोगों के अपने परिवार को छोड़ कर ईश्वर के पास चले गए। गांव-गरीब का सहारा,छत्तीसगढ़ का दुलारा,हमसे बहुत दूर चला गया। वेदना की इस घड़ी में मैं निशब्द हूँ। उनका अंतिम संस्कार उनकी जन्मभूमि गौरेला में कल होगा।





गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी को 9 मई को दिल की धड़कनें रुकने की वजह से रायपुर के श्री नारायणा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जिसके बाद से ही नारायणी अस्पताल में उनका उपचार किया जा रहा था।



छत्‍तीसगढ़ के मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी का निधन छत्तीसगढ़ प्रदेश के लिए एक बड़ी राजनीतिक क्षति है। हम सभी प्रदेशवासियों की यादों में वो सदैव जीवित रहेंगे।





एमपी के पूर्व मुख्‍यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष कमलनाथ ने अपने शोक संदेश में कह कि जोगी परिवार के प्रति मेरी शोक संवेदनाएँ। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणो में स्थान व पीछे परिजनो को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करे।



वहीं, पूर्व मुख्‍यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि अजीत जोगी जी के दुखद देहान्त के समाचार सुन कर बेहद दुख हुआ। मेरे निजी मित्र व साथी थे। परिपक्व राजनीतिज्ञ व कुशाग्र बुद्धि के धनी थे। मैं उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।



 





 



बिलासपुर के पेंड्रा में 29 अप्रैल 1946 जन्मे अजीत जोगी ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद पहले भारतीय पुलिस सेवा और फिर भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयनित हुए थेे। बाद में वे मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के सुझाव पर राजनीति में आये। कांग्रेस से राजनीतिक जीवन आरंभ करने वाले अजीत जोगी ने 2016 में छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस का गठन किया था। यह छत्तीसगढ़ की एक मात्र क्षेत्रीय पार्टी है। अभी इसके विधान सभा में 5 विधायक हैं।





कांग्रेस में विभिन्‍न पदों पर रहे जोगी



अजीत जोगी ने 1986 में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के सदस्य बनकर राजनीतिक कॅरियर की शुरूआत की। इसके बाद कांग्रेस ने इन्हें राज्यसभा में नामित किया। 1987 में जोगी को मध्यजप्रदेश कांग्रेस कमेटी का महासचिव नियुक्त किया गया था। जोगी ने 1997 से 1999 मुख्य प्रवक्ता, कांग्रेस संसदीय दल के साथ-साथ एआईसीसी के मुख्य प्रवक्ता के रूप में काम किया। 1998 में जोगी वतर्मान छत्तीसगढ़ के रायगढ़ से 12 वीं लोक सभा के लिए चुने गए। 1 नवंबर  2000 में नए राज्य छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री के रूप में इन्होंने शपथ ली थी। 2004 में 14 वीं लोकसभा में महासमुंद से सांसद चुने गए।

2008 में छत्तीसगढ़ विधान सभा के सदस्य के रूप में जोगी मारवाही से विधायक चुने गए। 2009 के लोकसभा चुनाव में जीत के बाद जोगी ने महासमुंद के लोकसभा सदस्य के रूप में काम किया। 2014 के लोकसभा चुनावों में वे अपनी सीट बरकरार रखने में असफल रहे और बीजेपी के चंदू लाल साहू से 133 मतों से हार गए। 2018 में वे अपनी ही पार्टी के टिकट पर मारवाही से विधायक चुने गए थे।