भोपाल| शहर के अयोध्या नगर स्थित अरेंडी रोड पर संचालित हो रहे आरपीएच गुरुकुल नामक स्कूल पर बिना मान्यता के बच्चों को पढ़ाने का गंभीर आरोप सामने आया है। इस स्कूल में नर्सरी से कक्षा 4 तक के "एडमिशन ओपन" का बोर्ड लगा है और वर्तमान में यहां करीब 10 बच्चे शिक्षा ले रहे हैं।
दिव्यांशु लोधी नाम का छात्र यहां कक्षा 2 में पढ़ता है। उसके पिता शेषराम लोधी ने बेटे का किसी अन्य स्कूल में प्रवेश कराने के लिए आरपीएच स्कूल से ट्रांसफर सर्टिफिकेट (टीसी) मांगी, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने बहाने बनाकर इनकार कर दिया। जब उन्होंने स्कूल की वैधता की जानकारी ली, तो पता चला कि स्कूल के पास कोई मान्यता ही नहीं है।
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शेषराम का आरोप है कि जब उन्होंने इस मामले को उठाया तो स्कूल संचालक और प्रिंसिपल ने चुप रहने के लिए 15 हजार रुपए देने की पेशकश की और झूठे आरोपों में फंसाने की धमकी भी दी। उन्होंने स्कूल से बातचीत की रिकॉर्डिंग और चैटिंग के स्क्रीनशॉट भी एकत्र किए हैं, जिसमें स्पष्ट है कि दिव्यांशु को बाकायदा कक्षा 2 में एडमिशन मिला था।
दूसरी ओर, स्कूल की प्रिंसिपल रागिनी भारद्वाज का कहना है कि स्कूल में केवल केजी-1 तक की कक्षाएं संचालित की जा रही हैं और शेषराम पहले से स्थिति से अवगत थे। उन्होंने यह भी कहा कि बड़े बेटे को केवल कोचिंग दी गई थी और स्कूल की मान्यता के लिए आवेदन किया गया है।
मध्य प्रदेश में किसी भी निजी स्कूल को संचालन के लिए स्कूल शिक्षा विभाग से मान्यता लेना अनिवार्य है। इसके लिए स्कूल में भवन की स्वीकृति, पर्याप्त आधारभूत सुविधाएं, योग्य शिक्षक, सीसीटीवी, फायर सेफ्टी जैसी आवश्यक व्यवस्थाएं होना ज़रूरी हैं।
जिला शिक्षा अधिकारी एन. के. अहिरवार ने बताया कि अभी तक उन्हें इस मामले में कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है, लेकिन वे इसकी जानकारी लेकर नियमानुसार कार्रवाई करेंगे। उनका कहना है कि बिना मान्यता के स्कूल चलाना पूरी तरह अवैध है और ऐसे संस्थानों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।