जल्द ही देशभर में वन्य जीवों की गणना का कार्य शुरु होने वाला है। जिसे लेकर तैयारियों का दौर शुरु हो गया है। इस साल पहली बार बाघों की गणना के साथ अन्य जंगली जीवों की गणना भी की जाएगी। जिसमें तेंदुआ और हाथी की गणना किया जाना तय किया गया है। इन वन्य प्राणियों की एंट्री ऑनलाइन की जाएगी। यह एंट्री गूगल एप पर होगी। जिससे जंगलों में जीवों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग की जा सके। इस गणना के दौरान पेपर के साथ गूगल एप-एम सट्रिपेस के माध्यम से ऑनलाइन एंट्री की जाएगी। 

अखिल भारतीय बाघ गणना 2021-2022 में बाघों के साथ-साथ तेंदुए और हाथियों को भी सम्मिलित करने के फैसले के बाद इसकी तैयारियां जारी हैं। इस गणना से जुड़े स्टाफ की ट्रेनिंग का दौर शुरू हो गया है। छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्यों में भी यह गणना होगी। वर्ष 2021-2022 के लिए अखिल भारतीय बाघ गणना की तैयारी हो चुकी है। छत्तीसगढ़ में इसके लिए मास्टर ट्रेनर्स तैयार किए जा रहे हैं।

छत्तीसगढ़ के दुर्ग फारेस्ट सर्किल के कवर्धा में इस कार्य से जुडे अधिकारी-कर्मचारियों के लिए वर्कशॉप का आयोजन कर ट्रेनिंग दी जा रही है। मास्टर ट्रेनर्स फील्ड के कर्मचारियों को 20 सितंबर तक बाघों, हाथियों और तेंदुओं की गणना की बारीकियां सिखाएंगे। यहां के रीजनल स्टाफ को बाघों की गणना से संबंधित जानकारी और ट्रेनिंग दी जाएगी। इस साल होने वाली गणना डिजिटल होगी, इन वन्यजीवों की गणना  का डाटा गूगल एप पर रजिस्टर्ड किया जाएगा।

बाघ, हाथी और तेंदुए गिनने के लिए साइटिंफिक और टैक्निकल सपोर्ट का सहारा लिया जाएगा। इस बार जीवों की गणना के साथ जीवों की फोटो खींचेगी और उनकी लोकेशन भी एप पर स्टोर की जाएगी, जिन्हे गूगल पर सर्च किया जा सकेगा। इस ट्रेनिंग के दौरान प्रदेश के विभिन्न वन मंडलों के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे। इनमें कवर्धा, बालोद, खैरागढ़, राजनंदगांव और दुर्ग वन मंडल के वन मंडल अधिकारी, उप वन मंडल अधिकारी, परिक्षेत्र अधिकारी, परिक्षेत्र सहायक, वनरक्षक, डाटा एंट्री ऑपरेटर व मानचित्रकारों ने भाग लिया।