नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने देश की बड़ी स्टील और सीमेंट बनाने वाली कंपनियों पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि ये कंपनियाँ कार्टेल बनाकर यानी आपस में मिलीभगत करके सीमेंट और स्टील के दाम बढ़ा रही हैं। गड़करी का कहना है कि इन कंपनियों का ऐसा करना देश के विकास का लक्ष्य हासिल करने में एक बड़ी बाधा बना हुआ है। स्टील और सीमेंट कंपनियों की इस हरकत की शिकायत गडकरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी कर चुके हैं।

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बिल्डर्स एसोसिशन ऑफ इंडिया की तरफ़ से इस बारे में मिली शिकायत के जवाब में कहा कि सरकार सीमेंट और स्टील की क़ीमतों में लगातार बढ़ोतरी की समस्या से निपटने के तरीक़ों पर विचार कर रही है। गड़करी ने कहा कि इस सिलसिले में बिल्डर्स ने क़ीमतों की निगरानी के लिए रेगुलेटर बनाने का जो सुझाव दिया है, उस पर भी विचार किया जाएगा। गड़करी ने कहा कि बिल्डर्स का यह प्रस्ताव अच्छा है और वे इस बारे में वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री से बात करेंगे।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्टील इंडस्ट्री के तमाम बड़े उत्पादकों के पास अपनी खदानें हैं, जिसकी वजह से उन्हें बाहर से लौह अयस्क नहीं ख़रीदना पड़ता। इसके अलावा बिजली या श्रम की लागत में भी कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। ऐसे में वे लगातार क़ीमतें क्यों बढ़ा रही हैं, ये बात उनकी समझ से बाहर है। उन्होंने कहा कि सीमेंट कंपनियों की लागत में भी पिछले दिनों कोई वृद्धि नहीं हुई है। इसके बावजूद ये कंपनियां सिर्फ़ मौक़े का फ़ायदा उठाकर मुनाफ़ा बढ़ाने के लिए आपसी मिलीभगत से दाम बढ़ा रही हैं, जो देश के हित में नहीं है। इन हालात में इन कंपनियों के दामों पर लगाम कसना ज़रूरी हो गया है।

गडकरी ने कहा कि अगर ये कंपनियां इसी तरह काम करती रहीं तो अगले पांच साल के दौरान इंफ़्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में 111 लाख करोड़ रुपये का निवेश करके 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का प्रधानमंत्री का सपना पूरा करना मुश्किल हो जाएगा। गडकरी ने कहा कि वे इस बारे में प्रधानमंत्री से बात करके दखल देने की माँग कर चुके हैं। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रिंसिपल सेक्रेटरी से भी इस बारे में लंबी चर्चा की है। गडकरी ने कहा कि ये एक ऐसा मुद्दा है, जिसके बारे में वे काफ़ी चिंतित हैं।