भारत समेत दुनिया में करोड़ों लोग मोटापे से परेशान हैं। शरीर से फैट कम करने के लिए तरह-तरह के नुस्खे अपनाते हैं। हाल ही में एक खबर लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है। ब्रिटेन में मोटे लोगों को वजन कम करने में मदद करने के लिए वीकली फैट-बस्टिंग इंजेक्शन के उपयोग का रास्ता साफ हो गया है। मोटापा कई बीमारियों को जन्म देता है। इस फैट-बस्टिंग इंजेक्शन को पेन इंजेक्टर के माध्यम से इंजेक्ट किया जाता है। इस इंजेक्शन से लोगों को पेट भरा हुआ महसूस होगा, कम भूख लगने से वे कम खाएंगे और परिणाम स्वरूप उनका वेट धीरे-धीरे कम होने लगेगा।

मोटापा कम करने वाले इस इलाज को यूके के नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ एंड केयर एक्सीलेंस ने उपयोग के लिए अप्रूवल दिया है। मोटापे से जूझ रहे लोगों को सेमाग्लूटाइड की डोज दी जाएगी। जिससे धीरे-धीरे उनका वजन कम होने लगेगा। सेमाग्लूटाइड का उपयोग शुगर पेशेंट्स के लिए भी किया जाता है। इसके उपयोग से मरीजों को इंसूलिन लेने की जरूरत नहीं पड़ती है। सेमाग्लूटाइड को वेगोवी के नाम से भी जाना जाता है। इसका निर्माण नोवो नॉर्डिस्क द्वारा किया गया है। यह एक ऐसी दवा है जिससे भूख का एहसास नहीं होता है। इसके उपयोग से शरीर में वह हार्मोन निकलता है जो भरपेट खाना खाने के बाद शरीर में उत्पन्न होता है। यह हार्मोन ग्लूकागन-जैसे पेप्टाइड -1(GLP -1) की नकल करता है, जिसका मुख्य काम भोजन के बाद मनुष्य  को संतुष्टि का एहसास दिलाना है।

इस दवा को लेकर अब तक हुए ट्रायल्स में पाया गया है कि इस दवा के वीकली इंजेक्शन के बाद लोगों ने अपना औसतन 12 प्रतिशत वजन कम किया। इस दौरान लोगों को हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज करने को भी कहा गया था। करीब 68 सप्ताह में लोगों ने 12% वजन से मुक्ति पाई जो कभी असंभव कार्य हुआ करता था। ऐसे लोग जिनका BMI याने बॉडी मास इंडेक्स कम से कम 35 हो ऐसे वयस्कों को सेमाग्लूटाइड देने की सिफारिश की गई है। वहीं विशेष परिस्थितियों में 30 BMI वाले लोगों को भी दवा दी जा सकेगी।

और पढ़ें: अच्छा खाना बढ़ा सकता है आपकी उम्र का 13 साल, सावधानी से करें डाइट प्लान

मोटापे की वजह से लोगों को हाई ब्लड प्रेशर मोटेस हाई कोलेस्ट्रॉल, ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया समेत हार्ट की बीमारियां होने का खतरा रहता है। अगर लोग समय पर अपने वजन पर कंट्रोल कर लेंगे तो इन बीमारियों से उन्हें राहत मिल सकती है। 2019 में इंग्लैंड में हुए हेल्थ सर्वे के अनुसार 28 प्रतिशत वयस्क मोटे थे और जिसमें से 36 प्रतिशत अधिक वजन वाले थे। जिसकी लागत एनएचएस और व्यापक अर्थव्यवस्था में प्रति वर्ष अरबों पाउंड थी। इंडियन जर्नल ऑफ कम्युनिटी मेडिसिन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 135 मिलियन लोग मोटापे से पीड़ित हैं। इस खबर से लोगों में मोटापे से मुक्ति की आस जागी है।