नए साल का पहला त्योहार मकर संक्रांति देशभर में मनाया जा रहा है। उत्तर से लेकर दक्षिण और पूरब से लेकर पश्चिम तक इसे अलग-अलग नामों से मनाया जा रहा है। कहीं पोंगल तो, कहीं बीहू, कहीं उत्तरायणी के और संक्रांति का नाम दिया गया है। इस दिन हर जगह पर तिल खाने खिलाने की परंपरा है। हिंदू धर्म में तिल का काफी महत्व माना गया है। घरों में तिल-गुड़ के लड्डू और बरफी बनाई जाती हैं। सिर्फ त्योहार ही नहीं अगर इन लड्डुओं का उपयोग नियमित तौर पर करे तो कोरोना और ओमिक्रॉन वायरस से भी सुरक्षा मिल सकती है। गुड़ और तिल हमारी इम्यूनिटी को स्ट्रांग करते हैं। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

 तिल-गुड के लड्डू बनाने के लिए सामग्री

2 कटोरी भुने हुए सफेद तिल, 1 कटोरी कुटा हुआ गुड़, 2-2 चम्मच बारीक कटे बादाम, काजू, पिस्ता, एक मुट्टी भुनी मूंगफली, छोटी इलाइची पाउडर, दो चम्मच देसी घी।

तिल गुड़ के लड्डू बनाने की रेसेपी

साफ किए हुए तिल को धीमीं आंच में भूनें, फिर ठंडा होने के लिए रख दें। अब पैन में थोड़ा सा घी डालकर गुड़ डाल दें और पिघलने दें, जब गुड़ पूरी तरह से पिघल जाए तो इसमें भुने तिल, सूखे मेवे, बिना छिलके वाली मूंगफली के दाने और इलाइची पाउडर डाल दें फिर एक बड़े पैन में डालकर मिक्स करें। अब इस सामग्री से गोल-गोल लड्डू बांध लें।  गुनगुने गुड़ के लड्डू अच्छे बनते हैं। गुड़ ठंडा होने पर शेप अच्छा नहीं आता है। हाथों में थोड़ा-थोड़ा घी लगाकर लड्डू बांधने से लड्डू देखने में सुंदर दिखते हैं।

पोषण से भरपूर होते हैं तिल गुड़ के लड्डू

तिल-गुड़ के लड्डू टेस्ट के साथ-साथ न्यूट्रीशन भी देते हैं। इनसे इम्यूनिटी बढ़ती है। गुड़ की तासीर गर्म होती है, इसमें आयरन होता है, जो कि शरीर में हीमाग्लोबिन बढ़ाने में मदद करता है। वहीं तिल में जिंक, आयरन, विटामिन B 6, सेलेनियम, कॉपर, और विटामिन E मिलता है। जो की इम्यूनिटी बूस्टर का काम करता है। डाक्टर्स की माने तो रोजाना 30-35 ग्राम तिल भी फायदेमंद होती है।

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तिल में प्रोटीन और हेल्दी फैट होता है कार्ब्स ना के बराबर होते हैं। तिल गुड़ के लड्डू हड्डियों को मजबूत करते हैं। इनमें भरपूर एंटीऑक्सीडेंट होतें हैं। ये फाइबर का बेहतरीन सोर्स हैं। इनके सेवन से बीमारियों से लड़ने की ताकत मिलती है।