नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप द्वारा एच 1 बी वीजा को इस साल के अंत तक बैन कर देने के बाद अब यूएस होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट ने इस वीजा की फीस बढ़ा दी है। इसके तहत अब हाई स्किल वीजा लेने के लिए 21 प्रतिशत अधिक शुल्क देना होगा। वहीं एल 1 वीजा की फीस में 75 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। अब प्रत्येक एच 1बी वीजा के लिए 555 डॉलर देने होंगे। वहीं एल 1 वीजा के लिए 850 डॉलर देने होंगे।

विशेषज्ञों की मानें तो कोरोना वायरस संकट से निपटने में विफलता के कारण ट्रंप लगातार धुर-दक्षिपंथी रुख अपनाते जा रहे हैं और अब खुलकर प्रवासी विरोधी कदम उठा रहे हैं। ट्रंप ‘अमेरिका फर्स्ट’ की राजनीति करते हैं और अमेरिकी लोगों की बेरोजगारी की वजह बाहर से आए लोगों द्वारा अमेरिका में नौकरी करने को बताते हैं। ट्रंप का कहना है कि वीजा पर प्रतिबंध लगाकर वे अमेरिकी कामगारों की हितों की रक्षा कर रहे हैं।

इकॉनमिक टाइम्स के अनुसार 50 से अधिक कर्मचारी वाली कंपनियों को प्रत्येक वीजा एक्सटेंशन पर 4,000 से 4,500 डॉलर अधिक चुकाने पड़ेंगे। नए नियमों के अनुसार इस साल अक्टूबर से ये बढ़ा हुआ शुल्क चुकाना पड़ेगा। इस कदम से अमेरिकी और भारतीय दोनों ही आईटी कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ेगा।

उधर एच 1बी वीजा जारी करने वाली संस्था का कहना है कि कोरोना वायरस के कारण वीजा से होने वाली आय में कमी आई है, इस वजह से यह शुल्क बढ़ाया गया है। संस्था ने अमेरिकी कांग्रेस से 1.2 अरब डॉलर के इमरजेंसी फंड की भी मांग की है। आगामी अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के संभावित उम्मीदवार और डॉनल्ड ट्रंप के संभावित प्रतिद्वंदी जो बाइडेन ने दो जुलाई को कहा था कि अगर वे राष्ट्रपति बनते हैं तो एच 1बी वीजा पर लगाए गए प्रतिबंध को हटा देंगे।