नई दिल्ली। अक्सर हम कहीं जल्दी पहुंचने के लिए OLA-UBER एप्स के जरिए अपनी कैब बुक करते हैं। लेकिन, अब से इसे पीक आवर्स में बुक करना आपको महंगा पड़ेगा। रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय सड़क परिवहन ने जानकारी दी है कि कैब एग्रीगेटर अब बेस किराए का दोगुना पैसा वसूल सकते हैं। वहीं इस समय अधिकतम डेढ़ गुना किराया लेने की छूट है।
केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने मोटर व्हीकल एग्रीगेटर गाइडलाइंस का एक नया सेट 2025 पेश किया है। जिसमें ये नियम सभी के लिए हैं और इसके दिशा-निर्देशों का पालन करना भी अनिवार्य है। प्रदेश सरकार इसे लेकर अपना नियम बना सकती है। जिसके लिए परिवहन विभाग ने राज्य सरकारों को ऐप बेस्ड कैब सेवाओं के लिए अपने नियम तैयार करने के लिए तीन महीने का समय दिया है।
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जिससे अब यह राइड जेब पर भारी असर डालने वाली है। अगर ड्रायवर अपनी राइड कैंसिल करता है तो कंपनी उससे अपना हर्जाना वसूलती है। लेकिन, अब से अब से यदि ग्राहक अपनी राइड रद्द करता है तो उसे भी इसका मोटा चार्ज चुकाना होगा। कई बार राज्य सरकार इनका किराया तय करने में सालों-साल लगा देती है। जिसका असर कैब कंपनिया छिपे चार्जेस वसूलती है।
अक्सर हम OLA-UBER एप्स के जरिए अपनी कैब बुक करते हैं। लेकिन, अब से इसे पीक आवर्स में बुक करना आपको महंगा पड़ेगा। रिपोट्स के अनुसार केंद्रीय सड़क परिवहन ने जानकारी दी है कि कैब एग्रीगेटर अब बेस किराए का दोगुना पैसा वसूल सकते हैं। वहीं इस समय अधिकतम डेढ़ गुना किराया लेने की छूट है।