नई दिल्ली। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग के आलोचक और एक बड़े प्रॉपर्टी टाइकून को पार्टी से निकाल दिया है। पार्टी ने रेन झिक्वांग पर सीमा से अधिक संपत्ति इकट्ठा करने और अनुशासन एवं कानून का गंभीर उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।

रेन ने एक निबंध में कोरोना वायरस संकट से निपटने में शी जिनपिंग की असमर्थता का जिक्र किया था। रेन ने शी को एक निरंकुश शासक बताते हुए पार्टी को उनके प्रति सावधान होने के लिए भी कहा। कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा रेन को निकाले जाने के कदम को पूरे देश में इस तौर पर देखा जा रहा है कि अब पार्टी अपने अभिजात और पुराने सदस्यों की तरफ से की गई आलोचना सुनने के लिए भी तैयार नहीं है। रेन के खिलाफ मुकदमा चल रहा है और वे मार्च से ही सार्वजनिक तौर पर नजर नहीं आए हैं। 

पार्टी ने 69 वर्ष के रेन को निकालते हुए घोषणा की कि वो पार्टी और देश की छवि को बदनाम करने के साथ-साथ सेना के इतिहास के साथ भी छेड़छाड़ कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर रेन के दोस्तों ने कम्युनिस्ट पार्टी के इस कदम की आलोचना की है। उनका कहना है कि पार्टी की तरफ से उठाया गया यह कदम अतिपूर्ण है। 

रेन के दोस्त वांग यिंग ने वीचैट पर लिखा, "यह एकदम खुल्लम-खुल्ला राजनीतिक उत्पीड़न है। रेन एक बहुत ही अच्छा आदमी है। वो एक अच्छा नागरिक है जो हमेशा अपनी जिम्मेदारी समझता है। एक उद्यमी के तौर पर उसने अपना रोल निभाया है और कानून का पालन किया है।"

शी जिनपिंग 2012 में सत्ता में आए थे। तब से लेकर अब तक उनके शासन में पार्टी की नीतियों को चुनौती देने वाले बहुत से वकीलों, पत्रकारों और विद्वानों का या तो गिरफ्तार कर लिया गया है या फिर उनके खिलाफ जांच चल रही है। यह दमन पिछले कुछ महीनों में और ज्याद बढ़ गया है जब शी जिनपिंग की कोरोना संकट का सामना, हांगकांग के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून पारित करने और शिनजियांग में उइगर मुसलमानों को उत्पीड़न को लेकर आलोचना बढ़ी है।