ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत की स्थिति में मामूली सुधार हुआ है लेकिन अब भी यह 105वें स्थान पर है। ग्लोबल हंगर इंडेक्स की 2024 में 127 देशों में पोषण से जुड़े कई मानकों का आकलन किया गया है, जिसमें भारत 105वें नंबर पर है। पिछले साल 125 देशों में भारत 111वें स्थान पर था और उससे पहले 2022 में 121 देशों में से 107वें स्थान पर था।

भारत के लिए ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट एक चिंता का विषय है, क्योंकि भूख और कुपोषण जैसी गंभीर समस्याओं से जूझते हुए भारत का प्रदर्शन अभी भी कई छोटे पड़ोसी देशों से पीछे है। भारत की 13.7 फीसदी आबादी कुपोषित है। अभी भी हंगर इंडेक्स का स्कोर 27.3 है जो गंभीर बना हुआ है।

भारत से बेहतर स्थिति नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश जैसे पड़ोसियों की है। इंडेक्स में नेपाल 68, श्रीलंका 56 और बांग्लादेश 84वें नंबर पर है। पाकिस्तान की रैंकिंग 109 है। ये हमसे थोड़ा ही पीछे है। चीन, UAE और कुवैत समेत 22 देश पहले नंबर पर हैं। 

ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) बताता है कि किसी भी देश में भुखमरी की स्थिति क्या है। इस लिस्ट को हर साल कंसर्न वर्ल्डवाइड और वर्ल्ड हंगर हेल्प (जर्मनी में Welthungerhilfe) नामक यूरोपीयन NGO तैयार करते हैं। दुनियाभर के अलग-अलग देशों में 4 पैमानों का आंकलन करने के बाद इंडेक्स को तैयार किया जाता है।

ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) 2023 की लिस्ट में दुनियाभर के 125 देशों में भारत को 111वां स्थान मिला था। लिस्ट में पाकिस्तान की रैंकिंग 102, बांग्लादेश की 81, नेपाल की 69 और श्रीलंका की 60 है। 28.7 स्कोर के साथ भारत में भुखमरी की स्थिति को गंभीर बताया गया। भारत सरकार ने इस रिपोर्ट को गलत और और भ्रामक बताया था। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कहा कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स भारत की वास्तविक स्थिति को नहीं दर्शाता है। भारत ने आरोप लगाया कि यह देश की छवि खराब करने का प्रयास है।