अहमदाबाद| गुजरात के अहमदाबाद में दो दिन पहले हुए भयावह विमान हादसे की जांच के लिए केंद्र सरकार ने एक उच्च स्तरीय बहु-विषयक समिति का गठन किया है। यह समिति 12 जून 2025 को अहमदाबाद से लंदन के गैटविक एयरपोर्ट जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारणों की गहराई से जांच करेगी। इस विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें से 241 की मौत हो गई, जबकि एक यात्री चमत्कारिक रूप से जीवित बचा।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार, समिति का मुख्य उद्देश्य दुर्घटना के कारणों की पड़ताल करना और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए प्रभावी और व्यापक मानक संचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) तैयार करना है। समिति को सभी संबंधित दस्तावेजों और रिकॉर्ड्स तक पहुंच प्रदान की जाएगी, जिनमें उड़ान डेटा, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर, विमान रखरखाव रिपोर्ट, एटीसी लॉग और गवाहों की गवाही शामिल हैं। इसके साथ ही, समिति चालक दल, एटीसी और अन्य संबंधित अधिकारियों से पूछताछ भी करेगी और दुर्घटनास्थल का निरीक्षण करेगी।
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समिति की अध्यक्षता गृह सचिव करेंगे, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त, समिति में DGCA, नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो, खुफिया ब्यूरो, भारतीय वायु सेना, फोरेंसिक विशेषज्ञ और राज्य आपदा प्रतिक्रिया एजेंसी के प्रतिनिधि भी सदस्य होंगे। समिति जरूरत पड़ने पर विमानन विशेषज्ञों, कानूनी सलाहकारों और अन्य तकनीकी सदस्यों को भी शामिल कर सकती है।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह समिति अन्य एजेंसियों द्वारा की जा रही जांचों की जगह नहीं लेगी, बल्कि इसका ध्यान विशेष रूप से नीतिगत बदलाव, प्रशिक्षण सुधार और संचालन संबंधी सुझाव देने पर केंद्रित होगा, ताकि भविष्य में विमान हादसों को रोका जा सके और दुर्घटना के बाद की स्थिति को बेहतर ढंग से संभाला जा सके। आदेश में यह भी कहा गया है कि समिति अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से भी समन्वय करेगी यदि हादसे में कोई विदेशी नागरिक या विदेशी विमान निर्माता शामिल पाया जाता है।
समिति को तीन महीने की समयसीमा के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। इस हादसे के बाद विमानन नियामक DGCA ने एयर इंडिया के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमानों की सुरक्षा जांच कड़ी करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने भी हादसे की जांच शुरू कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दुर्घटनास्थल का दौरा कर हालात की समीक्षा की और घायलों से मुलाकात की। सरकार को उम्मीद है कि समिति की रिपोर्ट से भारत की विमानन सुरक्षा प्रणाली को और अधिक मजबूत और उत्तरदायी बनाया जा सकेगा।