अमेरिका की जानीमानी टाइम मैगजीन ने भारतीय मूल की अमेरिकी बच्ची गीतांजलि राव को उनके इनोवेशन के लिए अपने कवर पेज पर स्थान दिया है। पांच हजार बच्चों में से गीतांजलि को पहला ‘किड ऑफ द ईयर’ चुना गया है। 15 साल की गीतांजलि राव को विज्ञान के क्षेत्र में उनके अचीवमेंट के लिए सम्मानित किया गया है। गीतांजलि एक युवा वैज्ञानिक और आविष्कारक हैं।

गीतांजलि ने एक ऐसा सेंसर बनाया है, जिससे पानी में लेड की मात्रा का पता आसानी से लगाया जा सकता है। इस इनोवेश को उन्होंने एक सस्ते डिवाइस का उपयोग करके तैयार किया है। उनका डिवाइस मोबाइल की तरह दिखता है जिसे उन्होंने टेथिस नाम दिया है। यह डिवाइस कुछ सेकेंड तक पानी में डालने से पता चल जाता  है कि पानी में लेड की मात्रा कितनी है। Tethys पानी साफ करने में मददगार है। इस एप से में कार्बन नैनोट्यूब की मदद से काम होता है।

 

उन्होंने साइबर बुलिंग पर लगाम लगाने के लिए एक सर्विस बनाई है, जिसे Kindly एप नाम दिया है। यह ऐप और क्रोम एक्सटेंशन है जो साइबर बुलिंग को पकड़ने में सक्षम है। Kindly एप में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी की मदद से काम होता है। अपने इस डिवाइस के बारे में गीतांजलि ने बताया कि उनका मकसद सिर्फ अपनी डिवाइस बनाकर दुनिया की समस्याएं सुलझाने नहीं बल्कि लोगों को ऐसा करने के लिए प्रेरित करना चाहती हैं। आपको बता दें कि हाल ही में गीतांजलि ने अमेरिका का टॉप यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड भी जीता था।

 

यह पहला मौका है जब टाइम मैगजीन ने किसी 15 साल की बच्ची को इस खिताब से सम्मानित किया है। गीतांजलि ने टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए दूषित जल को साफ करने की डिवाइस और अफीम की लत छुड़ाने के लिए योगदान दिया है। उन्होंने साइबर बुलिंग की पहचान के लिए एक ऐप भी बनाया है।

 

गीतांजलि कोलोरैडो की रहने वाली हैं। उन्होंने छोटी सी उम्र से ही सामाजिक परिवर्तन,विज्ञान और टेक्नोलॉजी के बारे में जानना और उस पर काम करना शुरू कर दिया था। टाइम मैगजीन के लिए एकेडमी अवॉर्ड विजेता एंजेलिना जोली ने उनका इंटरव्यू लिया है। जिसमें गीतांजलि ने बताया है कि पहली बार उन्होंने 10 साल की उम्र में अपने माता पिता को कार्बन नैनो ट्यूब सेंसर टेक्नोलॉजी पर रिसर्च करने के बारे में बताया था। उन्होंने महज 11 साल की उम्र में डिस्कवरी एजुकेशन 3M साइंटिस्ट चैलेंज जीता था।

गीतांजलि का मानना है कि ‘अवलोकन करें, सोच विचार करें, अनुसंधान करें, निर्मित करें और उसे बताएं। उनका कहना है कि हर समस्या का हल करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए, बल्कि उस एक पर ध्यान एकाग्र करना चाहिए जो आपको उकसाता हो। अगर मैं यह कर सकती हूं तो कोई भी यह कर सकता है।’