नई दिल्ली। भारत और बांग्लादेश क्षेत्रीय संपर्क को और मजबूत बनाते हुए तीन सितंबर को अंतरदेशीय वाटर ट्रांसपोर्ट मेकेनेज्मि का विस्तार करेंगे ताकि दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा मिल सके। इस साल मई में दोनों देशों ने प्रोटोकॉल ऑन इनलैंड वाटर ट्रांजिटैंड ट्रेड पर हस्ताक्षर किए थे। यह कदम इसी समझौते के तहत उठाया जा रहा है। अब भारत और बांग्लादेश के बीच वाटर ट्रांसपोर्ट मार्गों की संख्या आठ से बढ़कर 10 हो जाएगी। 

बताया जा रहा है कि मई में हुए समझौते के तहत एक तरफ जहां 2 जलमार्गों की बढ़ोतरी हुई है, वहीं दोनों देशों के बीच कुल दस नए बंदरगाह भी जुड़े हैं। नए जलमार्गों पर तीन सितंबर से आवाजाही शुरू हो जाएगी। अंग्रेजी अखबार इकॉनमिक टाइम्स के मुताबिक इन दो नए मार्गों से व्यापार की मात्रा में बढ़ोतरी होगी, जिससे दोनों देशों के व्यापारियों और आम लोगों को फायदा होगा। 

दोनों देशों के बीच जिन दो नए जलमार्गों की बढ़ोतरी होगी उन्हें सोनामुरा-दौदखांदी जलमार्ग और राजशाही-धुलियां जलमार्ग कहा जाएगा। पहला जलमार्ग त्रिपुरा और आस पास के राज्यों का संपर्ख सुगम करेगा और दूसरा जलमार्ग आवागमन की कीमत कम करेगा। सात नए बंदरगाहों में धुलियां, माइया, कोलाघाट, सोनामुरा और जोगीगोपा भारत की तरफ मौजूद हैं। वहीं राजशाही, सुल्तानगंज, चिलमारी, दौदखांदी और बहादुराबाद बांग्लादेश की तरफ स्थित हैं। भारत और बांग्लादेश के बीच 1972 में जलमार्ग के द्वारा आवागमन और व्यापार को लेकर समझौता हुआ था।