हांगकांग में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच उस विधेयक को लेकर झड़प जारी है, जिसमें हांगकांग शहर में चीन के राष्ट्रीय गान के अपमान को अपराध के दायरे में लाने की बात कही गई है। इसके साथ ही इस विधेयक में चीन के राष्ट्रीय गान को स्कूलों और संस्थाओं में गाना अनिवार्य करने की भी बात है। हांगकांग की संसद में इस विधेयक को लेकर चर्चा हो रही है। प्रदर्शनकारी इसे हांगकांग की अर्धस्वायत्ता और अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला बता रहे हैं। इस विधेयक के कानून बन जाने के बाद इसका उल्लंघन करने वाले को तीन साल जेल और 6,450 डॉलर जुर्माने का प्रावधान होगा।

ताजा जानकारी के अनुसार हांगकांग पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधियों के आरोप में कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है और उनके ऊपर ‘पेपर पैलेट्स’ भी चलाई हैं। हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने भी 26 मई की रात को ही हांगकांग की संसद को घेरने का प्रयास किया और पुलिस पर पेट्रोल बम फेंके। पुलिस ने उनकी कोशिशों को नाकाम कर दिया।

इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने कहा कि वे चीन द्वारा हांगकांग पर थोपे जा रहे राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के जवाब में चीन के ऊपर कड़ी कार्रवाई करेंगे। हालांकि, उन्होंने यह साफ नहीं किया कि यह कार्रवाई किस तरह की होगी। वहीं जापान की सरकार ने भी हांगकांग में परिस्थितियों पर अपनी चिंता जाहिर की है।

इस विधेयक के खिलाफ शुरु हुए विरोध प्रदर्शनों को उस कड़ी का हिस्सा माना जा रहा, जिसमें प्रस्तावित राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के खिलाफ हांगकांग में पिछले साल से प्रदर्शन हो रहे हैं। इस प्रस्तावित कानून में यह प्रावधान है कि यह हांगकांग के आरोपियों को चीन में प्रत्यर्पित करने की अनुमति दे देगा। चीन का कहना है कि इस कानून का प्रयोग क्षेत्र में शांति बहाल करने और आतंकवादियों पर शिकंजा कसने के लिए किया जाएगा।

Clickहांगकांग में प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले

वहीं प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह कानून हांगकांग की अर्धस्वायत्ता खत्म कर देगा और यह मूल रूप से ‘एक देश, दो व्यवस्था’ सिद्धांत के खिलाफ है। अमेरिका ने भी इस प्रस्तावित कानून की आलोचना की है। चीन का कहना है कि इस मुद्दे पर विदेशी हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।