3 दिसंबर 1992 को दुनिया का सबसे पहला SMS भेजा गया था, इस मैसेज को वोडाफोन कर्मचारी ने कंपनी के डायरेक्टर को सेंड किया था। मैसेज था मेरी क्रिसमस। 1992 के बाद से सन् 1995 आते-आते केवल 0.4 फीसदी ही लोग मैसेज औसतन हर महीने भेजते थे।



अब करीब 30 साल बाद इस मैसेज की नीलामी की जा रही है। यह नीलामी करीब 2 लाख रुपये में होने की आशा है। 14 अक्षर वाले 'Merry Christmas' का हर कैरेक्टर करीब 14.29 लाख रुपए में नीलाम होने की उम्मीद है। वोडाफोन की ओर से कहा गया है कि इस SMS की नीलामी से मिलने वाली राशि को यूनाइटेड नेशन हाई कमिशनर फॉर रिफ्यूजी को दिया जाएगा। UNHCR यूएन की रिफ्यूजी एजेंसी है। इस मैसेज को फ्रांस में एगट्स ऑक्‍सन हाउस की ओर से नीलाम किया जा रहा है। इस टेक्स्ट मैसेज को क्रिप्टोकरेंसी में खरीदा जा सकता है।  





 



वोडाफोन के निदेशक को भेजा गया था SMS



वोडाफोन कंपनी के डायरेक्टर को पहला मैसेज ‘MERRY CHRISTMAS’ भेजा गया था। जिसे बर्कशायर में 22 वर्षीय इंजीनियर नील पापवर्थ ने रिचर्ड जार्विस के ऑर्बिटेल 901 हैंडसेट पर भेजा था। पापवर्थ ने यह SMS कंप्यूटर से भेजा था। अब वोडाफोन कंपनी इस SMS के वर्चुअल रेप्लिका को बेचने जा रही है।सबसे ज्यादा की बोली लगाने वाले शख्स को इसकी एक डिजिटल फाइल दी जाएगी। जिसमें सेंडर और रिसीवर की इन्फॉर्मेशन होगी।



काफी कम हुई टेक्स्ट मैसेज की महत्ता



अब जब मैसेजिंग के दर्जनों तरीके दुनियाभर में चलन में हैं, इसकी वजह से SMS की महत्ता काफी कम होती जा रही है। वर्तमान दौर में व्हाट्सएप, फेसबुक, हाइक, टेलीग्राम, मेल, ट्वीटर, इंस्टाग्राम जैसे कई एप के जरिए लोग मैसेज का आदान प्रदान करते हैं। अब SMS बंद से होते जा रहे हैं। अब लोग इंस्टेंट मैसेज करते हैं, तुरंत चेक करते हैं कि मैसेज पहुंचाया, या नहीं अगर पहुंचा तो अगले व्यक्ति ने पढ़ा या नहीं, अब तुंरत मैसेज औऱ तुरंत रिप्लाय कर दिया।