भोपाल। मध्य प्रदेश में बुलडोजर जस्टिस के खिलाफ विपक्ष ने मुखरता से मोर्चा खोल दिया है। छतरपुर की घटना को लेकर शनिवार को इंडिया गठबंधन की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के साथ पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने प्रेस वार्ता को संबोधित किया। इस दौरान सिंह ने कहा कि धर्म के आधार पर व्यवहार करना अपराध है। पूर्व सीएम ने जोर देते हुए कहा कि ये देश सभी का है और हर धर्म के पालन का अधिकार बाबा साहब अंबेडकर ने हमें संविधान में दिया है। 

पूर्व सीएम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, 'जर्मनी में जिस तरह हिटलर ने यहूदियों को टारगेट बनाया था उसी तरह आज देश में सुनियोजित ढंग से सांप्रदायिक ध्रुवीकरण किया जा है। हिटलर ने माहौल बनाया की जो यहूदी है वह एंटी नेशनल है, उसी से सीखकर आरएसएस और भाजपा मुसलमानों को एंटी नेशनल साबित करने में जुटी हुई है। जिस तरह अंग्रेजों ने भी हिंदू और मुसलमानों में फुट डालो और राज करो कि नीति अपनाई थी। उसी तरह आरएसएस और भाजपा भी कर रही है और देश में अशांति फैला रही है। बिना किसी कारण बेदर्दी से लोगों के मकान तोड़े जा रहे हैं। चाहे आप खरगोन की घटना ले लीजिए, या  छतरपुर और बड़वानी का। बड़वानी में एक बुजुर्ग का घर तोड़ दिया जिसके दोनों हाथ नहीं हैं।' 

सिंह ने आगे कहा, 'सुप्रीम कोर्ट ने तहसीन पूनावाला के पिटीशन पर बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ गाइडलाइन बनाने की बात कही है। मैंने खुद इंदौर हाईकोर्ट में याचिका दायर किया है जिसमें अनुरोध किया है कि मध्य प्रदेश शासन को सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन पालन करने के लिए निर्देश दिया जाए।  जिस प्रकार से प्रदेश के साम्प्रदायिक वातावरण को बिगाड़ा जा रहा है, मुस्लिमों को प्रताड़ित किया जा रहे, उसका उल्लेख भी मैंने याचिका में किया है। पिछले तीन साल से लगातार हमारी याचिका का कोई संतोषजनक जवाब मध्य प्रदेश शासन नहीं दे रहा है। छतरपुर की घटना के बाद भी मैंने हाईकोर्ट से मांग किया तो केस रजिस्टर किया है। इस मामले मैं खुद हाईकोर्ट के सामने प्रस्तुत होऊंगा।' 

सिंह ने आगे कहा कि बुलडोजर संस्कृति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जो नाराजगी जाहिर की है हम उसका स्वागत करते हैं। मैं दिल्ली में सीनियर वकीलों से चर्चा करूंगा और सुप्रीम कोर्ट में अपनी PIL के आधार पर पक्षकार बनने का विचार कर रहा हूं। बात ये है कि भारतीय संविधान की शपथ ली जाती है और मोदी जी संसद में अपने मस्तिष्क पर लगाते हैं। मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और भारतीय अधिकारी संविधान के नियमों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो नियम पालन नहीं कर रहे वह अपराधी हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भिंड का एक मामला सामने आया जहां हत्यारोपी हिंदू और मुस्लिम दोनों थे। इस मामले में मुसलमानों का घर गिराया गया हिंदुओं का नहीं। जिसकी हत्या हुई उसके पिता ने कलेक्टर से कहा कि बाकी हत्यारों का मकान गिराइए। इसपर जिला कलेक्टर भिंड ने कहा कि सरकार का आदेश है हिंदू का घर मत गिराओ, मुस्लिम का गिराओ। इसका ऑडियो रिकॉर्डिंग भी मेरे पास है। हम न्यायालय में ये बात रखेंगे और मैं निजी तौर पर इसका मुकदमा लडूंगा। मैं भी दस साल मुख्यमंत्री रहा लेकिन इतनी बेशर्मी से किसी अधिकारी को संविधान और कानून का उल्लंघन करते नहीं देखा। ये एक मोदी मॉडल का गवर्नेंस बन गया है, जो तुम भी खाओ -हमें भी खिलाओ के फार्मूले पर चलता है।

प्रेस वार्ता में सीपीएम के जसविंदर सिंह, सीपीआई के शैलेंद्र कुमार शैली, पूर्व मंत्री राजा पटेरिया समाजवादी पार्टी के यश भारतीय, आरजेडी के सुनील खेनवार भी शामिल रहे। इस दौरान सीपीएम नेता जसविंदर सिंह ने कहा कि बुंदेलखंड में हो रही घटनाओं से हम चिंतित हैं। इसलिए छतरपुर की घटना को समग्रता से देखने की आवश्यकता है। पन्ना जिला मुख्यालय में ब्लड बैंक के अधिकारी एक मुसलमान का खून हिंदू को चढ़ाने से मना कर देते हैं। जिसका वीडियो वायरल हो रहा है। दमोह जिले में हिंदुओं को आव्हान किया जाता है कि वे मुसलमानों की दुकानों से समान न खरीदें। इस पृष्ठभूमि में छतरपुर की घटना को देखे जाने की जरूरत है। 

जसविंदर सिंह ने कहा कि छतरपुर शहर में 21 अगस्त को दो बार लाठीचार्ज हुआ। पहले अनुसूचित जाति के संगठनों के प्रदर्शन पर और फिर मुस्लिम समुदाय के प्रदर्शन पर। इससे प्रशासन की असंवेदनशीलता, अपरिपक्कता और गैर जिम्मेदाराना आचरण साफ दिखाई देता है। मुस्लिम समुदाय के प्रदर्शनकारी ज्ञापन के माध्यम से पैगंबर मोहम्मद पर की गई टिपणी के विरोध में FIR दर्ज करवाना चाहते थे। यदि उनका ज्ञापन ले लिया होता तो प्रदर्शन शांतिपूर्वक निबट सकता था मगर ज्ञापन न लेकर उनसे चार दिन बाद आने को कहना ही गैर जिम्मेदाराना आचरण है जो प्रदर्शनकारियों को शांत करने की बजाय उत्तेजित कर सकता था और वह हुआ भी। इसलिए पुलिस और प्रशासन के इस आचरण की न्यायक जांच होनी चाहिए। 

उन्होंने आगे कहा कि पुलिस द्वारा मुस्लिम समुदाय के आरोपियों को घेर कर पूरे बाजार में उन्हें पीटते हुए जुलूस निकालना और उनसे आपत्तिजनक नारे लगवाना, पुलिस हमारी बाप है बेहद खतरनाक है। पुलिस जनता की सेवा और सुरक्षा के लिए है। जनसेवक है बाप नहीं। यह जनता में पुलिस के आतंक को बढ़ावा देने वाली घोर आपत्तिजनक हरकत है। इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की जानी चाहिए। अगले दिन प्रशासन ने दो आलीशान मकानों का गिरा दिया। जिसके बारे में कहा गया कि वह अतिक्रमण है। सुप्रीम कोर्ट का मानसून के मौसम में किसी का मकान नहीं तोड़ा जा सकता है। इसलिए जुलाई से सितंबर तक अतिक्रमण हटाना प्रतिबंधित है।

सिंह ने कहा कि नियमानुसार यदि मकान निजी भूमि पर बिना अनुमति या नक्शे के अनुसार नहीं बना हो तो उसे तोडऩे का नहीं, बल्कि उस पर जुर्माना लगाने के प्रावधान है। ऐसे अतिक्रमण की भूमि पर बने महंगे भवनों पर बुलडोजर चलाने की बजाय उन्हें राजसात करने का प्रावधान है, ताकि सरकार या तो उसे नीलाम कर सके या उसे शासकीय उपयोग में लाया जा सके। अब प्रश्र यह है कि इन प्रावधानों के बाद भी यदि उन मकानों को तोड़ा गया है तो यह प्रशासन की मंशा को जाहिर करता है कि वह सिर्फ आतंक स्थापित कर गैर कानूनी काम कर कर रहा था। 

कम्युनिस्ट नेता ने आगे कहा कि मकान को गिराते समय परिजनों को चार पहिया वाहनों और दूसरे सामानों को भी बाहर नहीं निकालने दिया गया। उन्हें भी तोड़ दिया गया। वह तो अतिक्रमण का हिस्सा नहीं था।

विपक्ष की मांगें

1) पुलिस जिन लोगों पर मुकदमें दर्ज कर उन्हें जेल पहुंचा रही है, उन पर गैर जमानती और कठोर सजा वाली धाराएं लगाई जा रही हैं। हमारी मांग है कि यदि आरोपियों का पुराना अपराधिक रिकार्ड नहीं है तो इस घटना के आधार पर उन पर इस तरह की धाराओं को वापस लिया जाए।

2) अज्ञात के नाम पर होने वाली वसूली को रोका जाए।

3) भय का वातावरण खतम किया जाए। औलिया और मौलवियों को वापस बुलाया जाए ताकि मस्जिदों में नमाज हो सके।

4) पुलिस थाने पर हुई घटना की समग्रता से न्यायिक जांच की जाए, जिसमें पुलिस की भूमिका भी शामिल है। पुलिस के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों का मारते हुए जुलूस निकाल कर आपत्तिजनक नारे लगवाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए।

5) बुलडोजर संस्कृति को रोका जाए। छतरपुर की घटना में मकान तोडऩे वाले, और यदि मकान अवैध निर्माण है तो अनुमति देने या उसे अनदेखा करने वाले अधिकारियों और नगरपालिका अध्यक्षों की भी संदेह के घेर में लाकर जांच की जाए।

6) छतरपुर सहित जहां जहां भी बुलडोजर चला है, वहां मुआवजा पीडि़तों को मुआवजा दिया जाए।

7) प्रशासन द्वारा भाजपा के राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण करने वाली हरकतों पर रोक लगाई जाए।