भोपाल। आज देश और प्रदेश वैक्सीनेशन की दहलीज पर पहुंच चुका है। लोगों के मन में कोरोना का डर भी अब काफी कम हो चुका है। लेकिन क्या आपको पता है कि भोपाल के पहले कोरोना मृतक के परिजन कोरोना और वैक्सीन उपलब्ध कराने वाले सरकारी सिस्टम को लेकर क्या सोचते हैं? उनकी आपबीती हिंदी अखबार दैनिक भास्कर ने अपनी एक रिपोर्ट में बताई है। 

भोपाल में कोरोना के कारण पहली मौत इब्राहिमगंज में रहने वाले नरेश खटीक की हुई थी। 52 वर्षीय नरेश खटीक की मौत 6 अप्रैल को हुई थी। नरेश ने नर्मदा अस्पताल में अपना दम तोड़ा था। खटीक बिट्टन मार्केट में चौकीदारी का काम करते थे। खटीक के परिजनों का आरोप है कि उन्हें किसी प्रकार की कोई आर्थिक सहायता नहीं मिली। मृतक के परिजनों का कहना है कि उन्हें नरेश खटीक के इलाज के लिए एक लाख रुपए का कर्ज़ लेना पड़ा था, अब तक उसे चुका रहे हैं। नरेश का एक बेटा पिता की जगह चौकीदारी कर रहा है। दूसरा बेटा भी आसपास के इलाके में चौकीदारी का काम ही कर रहा है। नरेश खटीक के छोटे बेटे का आरोप है कि आर्थिक मदद की गुहार लगाने के लिए उसने कई दफ्तरों के चक्कर लगाए, मुख्यमंत्री के पास भी आवेदन दिए, लेकिन आज तक सरकार की ओर से सहायता का केवल इंतज़ार ही कर रहे हैं। । 

गौरव खटीक ने वैक्सीनेशन को लेकर बड़ी मार्मिक बात कही है। उनका कहना है कि वैक्सीन आना अच्छी बात है, ताकि उनकी तरह किसी और को अपने पिता को नहीं खोना पड़े। साथ ही गौरव खटीक का यह सुझाव भी है कि सबसे पहले वैक्सीन गैस पीड़ितों को लगनी चाहिए, क्योंकि वे सांस की बीमारी से पीड़ित होते हैं। दरअसल नरेश खटीक भी गैस प्रभावित क्षेत्र में रहते थे। गैस त्रासदी के बाद उन्हें अस्थमा हो गया था।