भोपाल। मध्यप्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों ने होली के रंग में भंग डाल दिया है। राज्य के मुख्य शहरों भोपाल और इंदौर में होली सांकेतिक रूप से मनाई जाएगी। सार्वजनिक रूप से होली के बड़े आयोजनों पर प्रतिबंध रहेगा। भोपाल और इंदौर कलेक्टर ने इस बाबत संशोधित आदेश जारी कर दिया है। आदेश के मुताबिक कोरोना गाइडलाइंस का पालन करते हुए गली-मोहल्ले में अधिकतम 20 लोग ही इकट्ठा हो सकते हैं।

त्योहारों को लेकर जारी गाइडलाइंस के मुताबिक भोपाल और इंदौर में 28 और 29 मार्च की रात में प्रतीकात्मक रूप से काॅलोनियों व गलियों में धार्मिक परंपरा का निर्वहन करते हुए सांकेतिक रूप से होलिका दहन किया जा सकेगा। सभी मुख्य मार्गों, चौराहों, बड़े मैदान आदि जगह यह पर्व मनाया जाना प्रतिबंधित रहेगा। कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए होलिका दहन के दौरान अधिकतम 20 लोग उपस्थित रह सकेंगे। क्षेत्रीय थाना प्रभारी, कार्यपालिक मजिस्ट्रेट, क्षेत्रीय सीएसपी और एसडीएम यह सुनिश्चित करेंगे कि कहीं भी मुख्य मार्ग, मुख्य चौराहों या बड़े मैदानों पर प्रतिबंधों का उल्लंघन न रहा हो। 

शब-ए-बारात को लेकर भी गाइडलाइंस जारी

होली के तरह ही शब-ए-बारात भी प्रतीकात्मक रूप से ही मनाया जा सकेगा। कब्रिस्तान कमेटी को यह सुनिश्चित करना होगा कि एक समय में अधिकतम 20 लोग ही कब्रिस्तान के अंदर रहें। क्षेत्रीय थाना प्रभारी, कार्यपालिक मजिस्ट्रेट, क्षेत्रीय सीएसपी और एसडीएम को आदेश का पालन करना होगा। इस दौरान सभी धर्मों के धर्मस्थल पूर्ण रूप से बंद रहेंगे। 

मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने त्योहारों को लेकर ट्वीट कर कहा, 'हमारे त्योहार महत्वपूर्ण हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए हम ये त्योहार परिवार के साथ घर पर भी मना सकते हैं। संक्रमण रोकना है, तो भीड़भाड़ से बचना होगा। अगर परंपरा का निर्वहन जरूरी है तो स्थानीय प्रशासन की अनुमति ले लें। बिना भीड़ के प्रतीकात्मक रूप से परंपरा का निर्वहन करें। इससे परंपरा का निर्वाह भी हो जाएगा और हम संक्रमण से भी बच जाएंगे।'

बता दें कि इसके पहले भोपाल-इंदौर में प्रशासन ने क्राइसिस मैनेजमेंट टीम की बैठक के बाद होली मनाने पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था। प्रशासन ने होलिका दहन और शब-ए-बारात को लेकर कोई छूट नहीं दिया था। प्रशासन के इस फैसले का कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद कई धार्मिक लोगों और धर्मगुरुओं ने विरोध करते हुए पुनर्विचार की मांग की थी। इतना ही नहीं खुद बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने होलिका न जलाने के आदेश पर आपत्ति जताई थी। इसके बाद प्रशासन के द्वारा संशोधित आदेश जारी की गई है।