लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने की घोषणा की है। बसपा अध्‍यक्ष मायावती का कहना है कि किसी पार्टी के साथ गठबंधन करने से उन्‍हें चुनाव में नुकसान होगा। इसलिए उन्‍होंने अकेले ही चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है।

मायावती ने सोमवार को अपने जन्मदिन के मौके पर कहा कि हमने उत्तर प्रदेश में अकेले दम पर चुनाव लड़कर सरकार बनाई है। उसी अनुभव के आधार पर हम आम चुनाव में भी अकेले चुनाव लड़ेंगे। हम किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं करेंगे। हमारी पार्टी गठबंधन न करके अकेले इसलिए चुनाव लड़ती है, क्योंकि पार्टी का नेतृत्व एक दलित के हाथ में है।

गठबंधन करने पर बीएसपी का वोट विपक्षी दल को मिल जाता है, लेकिन दूसरों का वोट हमें नहीं मिल पाता। 90 के दशक में हुए गठबंधन में सपा और कांग्रेस को फ़ायदा मिला था। मायावती ने आगे कहा, ‘मेरा जन्मदिन आज जन कल्याणकारी दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। यूपी में चार बार हमारी सरकार रही है, जिसमें हमने सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाय के लिए काम किया। बाद की आई सरकारें हमारी योजनाओं की नकल करके लोगों को भुलाने में लगी हैं। इसके बावजूद जातिवादी, पूंजीवादी व संकीर्ण सोंच की वजह से लोगों को इन योजनाओं का पूरा लाभ नहीं मिल रहा।'

मायावती ने इस दौरान बीजेपी पर प्रहार करते हुए कहा कि इस समय की राज्य और केंद्र की सरकार लोगों को फ्री राशन देकर गुलाम और लाचार बना दिया है। देश में इन दिनों धर्म और संस्कृति की राजनीति की जा रही है, इससे लोकतंत्र और संविधान कमजोर ही होगा। उन्होंने बीजेपी सरकार पर सांप्रदायिक और संकीर्ण सोच रखने का आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी ने महंगाई और बेरोजगारी पर ध्यान नहीं दिया।