भोपाल। सोमवार को मध्य प्रदेश विधानसभा में एक बार फिर कांग्रेस और बीजेपी आमने सामने आ गई। सदन की कार्यवाही शुरू होती ही कांग्रेस ने पेपर लीक कांड, महू कांड और फसलों के नुकसान पर सरकार को घेरना शुरू कर दिया। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह की अगुवाई में कांग्रेस पार्टी ने सदन से वॉकआउट कर दिया।



नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने बोर्ड परीक्षाओं के पेपर लीक मामले को उठाते हुए कहा कि शिवराज सरकार प्रदेश के बीस लाख छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। राज्य सरकार को बच्चों की फीस वापस करनी चाहिए।



गोविंद सिंह ने ओलावृष्टि से हुए फसलों के नुकसान पर शिवराज सरकार के उदासीन रवैए पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि ओले गिरने से बड़ी संख्या में किसानों की फसलें बर्बाद हुई हैं। लेकिन अब तक शिवराज सरकार ने इन फसलों का सर्वे शुरू नहीं कराया है। 



गोविंद सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इन दोनों ही मुद्दों पर सदन का वॉकआउट करती है। कांग्रेस नेताओं द्वारा सदन का वॉकआउट करते ही संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि बिना सरकार का पक्ष सुने सदन का वॉकआउट करना सही नहीं है।



इससे पहले पीसीसी चीफ कमल नाथ ने भी सीएम शिवराज पर फसलों के नुकसान के मामले में सिर्फ झूठे आश्वासन देने का आरोप लगाया था। कमल नाथ ने कहा कि प्रदेश के कई जिलों में बड़े पैमाने पर ओले गिरे हैं। किसानों की फसल नष्ट हो गई है और बहुत से किसान पूरी तरह बर्बाद हो गए हैं। इसके बावजूद मुख्यमंत्री सर्वे कराने की बात ही बार-बार दोहरा रहे हैं।



कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि यह स्पष्ट दिख रहा है कि फसल बर्बाद हो चुकी है तो सर्वे की आड़ में अन्नदाता से छल क्यों किया जा रहा है? मुख्यमंत्री खुद जाकर क्यों नहीं अपनी आंख से फसल की बर्बादी देखते हैं और तत्काल किसानों को राहत राशि क्यों नहीं बांटते?





कमल नाथ ने सीएम शिवराज पर तंज कसते हुए कहा कि अपने झूठे विकास के प्रचार के लिए पूरे प्रशासनिक अमले को गांव-गांव ढोल बजाने के लिए भेजा जा सकता है लेकिन किसान की बर्बादी का मुआवजा देने के लिए कागजी कार्यवाही का बहाना बनाया जा रहा है।