भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने बुधवार को भोपाल में मीडिया को संबोधित करते हुए राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला। पटवारी ने कहा कि मध्य प्रदेश के किसान खाद की किल्लत से जूझ रहे हैं। पटवारी ने कहा कि किसानों को न्याय दिलाने के लिए कांग्रेस अब मंडियो में आंदोलन करेगी। 

जीतू पटवारी ने कहा कि सोयाबीन 6 हजार रुपए प्रति क्विंटल, धान 3100 रुपए और गेहूं के दाम 2700 रुपए प्रति क्विंटल मिलना चाहिए। इस मांग को लेकर दूसरे चरण में अब मंडियों में आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में किसानों के साथ कुठाराघात हो रहा हैं। गुना में किसान भगवत किरार ने कहा कि उसे खाद का एक दाना नहीं मिला, मैं 2 दिन बाद उस किसान के घर जा रहा हूं। देश के कृषि मंत्री जा-जाकर कहानी सुना रहे हैं और एमपी के किसान आत्महत्या करने मजबूर हैं।

पटवारी ने आगे कहा कि किसानों के लिए कांग्रेस ताकत से सड़क पर उतरेगी और मोहन सरकार को चैन से सोने नहीं देगी। हरदा, गुना और ग्वालियर के किसानों के आत्महत्या करने और इच्छा मृत्यु के मामलों का जिक्र करते हुए कहा कि किसानों के साथ सरकारी सिस्टम कोलेप्स हो गया है, माफिया सिस्टम लागू हो चुका है। वर्ष 2017 से 2022 के बीच एमपी में लगभग 1400 किसानों ने आत्महत्या की है। यही कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान जब मुख्यमंत्री थे तो उनकी सरकार में विधायकों के सवाल पर किसान को नशेड़ी, भंगेड़ी, विक्षिप्त बताते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हम किसानों के हित की रक्षा के लिए दूसरे चरण में मंत्रियों के बंगलों को घेरेंगे।

पटवारी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सरकारी सिस्टम फेल होने का सबसे बड़ा सबूत है और आपकी सरकार में तो सिस्टम भी माफिया ही चला रहे हैं। सच यह है इच्छा-मृत्यु की आवश्यकता बेलगाम सिस्टम को है। क्योंकि बेकसूर कब तक कीमत चुकाएंगे? एनसीआरबी के मुताबिक, 2017 से 2022 के बीच प्रदेश के 1318 किसानों ने आत्महत्या की और सरकारी रिकॉर्ड में इनकी मौत का कारण-विक्षिप्त, नशेड़ी या परिवार की कलह बता दिया जाता है। ब्याज चुकाते-चुकाते किसान की जमीन बेचने की नौबत आ जाती है, मजबूरी में वह आत्महत्या कर लेता है लेकिन सरकार और प्रशासन कर्ज को आत्महत्या की वजह नहीं मानता है, कोई मदद भी नहीं करता है। साल 2020 में 235 किसानों ने आत्महत्या की। लेकिन सरकारी बेशर्मी का आलम देखिए इसमें 73 का कारण पारिवारिक कलह, 55 की वजह पागलपन, मानसिक बीमारी और तीसरा अहम कारण- नशे की लत बताया गया।

इसके पहले पटवारी ने महाराष्ट्र और झारखंड चुनावों को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने स्वायत्त संस्थाओं को ध्वस्त कर दिया। चुनाव आयोग की मर्यादा को तार-तार कर दिया। भाजपा नेता तावड़े जिस तरह से पांच करोड़ नगद देते पकड़े गए, वह महाराष्ट्र और झारखंड का जन-जन देख रहा हैं। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक मर्यादाओं का उल्लंघन कर 10 साल में 600 से अधिक जनप्रतिनिधियों यानि सांसद विधायकों को खरीदा गया, जनप्रतिनिधियों को दल बदल कराया गया। 

पटवारी ने आगे कहा कि प्राचीनकाल में गुलाम बेचे जाते थे, वैसे ही कलयुग में गाय, बैल भैस बैचे जाते हैं और मोदी जी ने जनप्रतिनिधियों को बिकवा दिया।  भाजपा की जमीन खिसक चुकी है पैसों का दुरूपयोग हर राज्यों में भाजपा ने किया, इससे साफ है कि लोकतंत्र खतरे में हैं, संविधान खतरे में है, मीडिया की निष्पक्षता खतरे में है। मोदी की सह पर किये गये तावड़े के इस कृत्य की कांग्रेस पार्टी घोर निंदा करती हैं। पटवारी ने कहा कि इनती मात्रा में पैसे मिलना, इस सरकार का चेहरा बेनकाव हुआ है। विजयपुर में चुनाव आयोग निःसहाय हो गया। हमने पहले से शंका जाहिर की अनेकों शिकायतें की लेकिन चुनाव आयोग तट से मस नहीं हुआ।