भोपाल। विकास कार्यों के लिए राशि आवंटन को लेकर मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार घिर गई है। कांग्रेस ने राज्य सरकार पर राशि आवंटन में भेदभाव के आरोप लगाए है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सीएम यादव को नसीहत देते हुए कहा कि प्रदेश में करदाताओं का पैसा है केवल भाजपा का नहीं है।



दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'केवल भाजपा के विधायकों को 15-15 करोड़ ओर सांसदों को 50 -50 करोड़ विकास कार्यों के लिए राज्य सरकार दे रही है। माननीय मुख्यमंत्री महोदय क्या यह सही है? यह भेदभाव तो उचित नहीं है। प्रदेश में कर दाताओं का पैसा है केवल भाजपा का नहीं है।'





दरअसल, अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले सीएम मोहन यादव प्रदेशभर में विकासकार्यों का शिलान्यास और भूमिपूजन करेंगे। बताया जा रहा है कि इसके लिए भाजपा के सांसद और विधायकों से निर्वाचन क्षेत्रों में प्राथमिकता के आधार पर विकास कार्यों के लिए प्रस्ताव मांगे गए हैं ताकि आचार संहिता लागू होने के पहले भूमिपूजन कार्यक्रम हो सकें। सांसदों को 50 करोड़ जबकि विधायकों को 15 करोड़ रुपये तक का प्रस्ताव देने के लिए कहा गया है। इसमें सड़क, पुल-पुलिया, सामुदायिक भवन सहित अन्य निर्माण कार्यों के प्रस्ताव शामिल हैं। इन प्रस्तावों को आगामी वित्तीय वर्ष की कार्य योजना में प्राथमिकता के आधार पर सम्मिलित किया जाएगा।





चुनाव से पहले सिर्फ भाजपा के सांसद-विधायकों से प्रस्ताव मांगे जाने को लेकर कांग्रेस राज्य सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस विधायक डॉ विक्रांत भूरिया ने डॉ यादव को उनका शपथ याद दिलाते हुए कहा कि आपने वादा किया था कि आप न तो किसी भय से, न ही किसी पक्षपात से प्रभावित होकर अपने दायित्व का निर्वहन करेंगे। लेकिन आपकी मौजूदा कार्यनीति से पक्षपात साफ नज़र आ रहा है। भूरिया ने आगे कहा कि आप पूरे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं, विधायक निधि न देना और 15 करोड़ सिर्फ भाजपा के विधायकों ही देना गलत है, सभी विधायक आपके लिए समान होना चाहिए।