ग्वालियर। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखा है। उन्होंने ग्वालियर महानगर में रियासत कालीन नैरोगेज ट्रेन की विरासत को हेरिटेज टूरिस्ट ट्रेन के रूप में विकसित करने की मांग की है। सिंधिया ने रेल मंत्री से आग्रह किया है कि नैरोगेज ट्रेन को अभी नीलाम न करें।

रेल मंत्री को संबोधित पत्र में सिंधिया ने लिखा कि, 'मैने पूर्व रेल मंत्री पीयूष गोयल को ग्वालियर श्योपुर मार्ग पर चलने वाली ऐतिहासिक नैरोगेज ट्रेन को बंद होने के उपरांत उसे ग्वालियर शहर में एक हेरिटेज ट्रेन के रूप में चलाने का प्रस्ताव दिया था। मैंने इसका एक Concept Plan भी तैयार कराकर राज्य सरकार के शहरी विकास विभाग (म.प्र. मेट्रो रेल कॉरपोरेशन) को इसकी फिजियबिलिटी स्टडी करने के लिए भेजा है व उस पर कार्य प्रगति पर है।' 

सिंधिया के मुताबिक, 'केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के सहयोग से अभी शहर का Comprehensive Mobility Plan बनाने का कार्य प्रगति पर है जो अगले 4 माह में पूर्ण हो जाएगा, उसके आधार पर शहर में नैरोगेज हेरिटेज ट्रेन व मेट्रो आदि संचालन के लिए उपयुक्त रूटों का चयन किया जाएगा। मगर अखबारों से जानकारी मिली है कि रेल मंत्रालय द्वारा ग्वालियर श्योपुर नैरोगेज ट्रेन के कोचों की नीलामी की जा रही है।'

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सिंधिया ने मंत्री वैष्णव से अनुरोध किया है कि ग्वालियर शहर से रायरू तक के नैरोगेज ट्रैक व इस पर पूर्व में चल रहे सभी कोचों व इंजन आदि को अभी यथास्थिति में रखा जाए, जब तक की शहर में इसे एक हेरीटेज ट्रेन के रूप में चलाने के प्रस्ताव पर कुछ अंतिम निर्णय नहीं हो जाता है। उन्होंने संभावना जताई है की इसमें 6-8 माह का समय लग सकता है।

दरअसल, पिछले कुछ समय से सिंधिया लगातार ग्वालियर-चंबल अंचल के लिए पर्यटन प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। माना जा रहा है 2019 लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद सिंधिया अपना नया छवि गढ़ने की कोशिश में जुटे हुए हैं।