मध्य प्रदेश सरकार ने अंगदान करने वाले व्यक्तियों के स्वजन को एक बड़ी सुविधा देने का निर्णय लिया है। अब उन्हें आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रति परिवार वर्ष में पांच लाख रुपए तक निःशुल्क उपचार की सुविधा मिलेगी। इस योजना में आय सीमा की कोई बाध्यता नहीं होगी। इसके साथ ही सरकार ब्रेन डेड रोगियों के अंगदान को प्रोत्साहित करने के लिए 18 लाख रुपये की लागत से एक डाक्यूमेंट्री भी तैयार करवा रही है, जिससे जागरूकता बढ़ाई जा सके।
इसके अलावा, स्टेट ऑर्गन एवं टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन एक पोर्टल विकसित कर रहा है, जहां अंगदान करने वाले और जरूरतमंद लोग अपना पंजीयन करा सकेंगे। इस पोर्टल पर अंगदान की प्रक्रिया और नियमों की जानकारी भी उपलब्ध होगी।
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वहीं नेशनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, अंगदान के मामलों में तमिलनाडु देश में शीर्ष स्थान पर है, जहां 500 से अधिक अंग प्रत्यारोपण हुए। इसके बाद तेलंगाना, महाराष्ट्र और गुजरात का स्थान आता है।
मध्य प्रदेश में 2016 से अब तक 65 ब्रेन डेड व्यक्तियों के माध्यम से 243 अंगदान किए जा चुके हैं, लेकिन यहां जागरूकता को और बढ़ाने की जरूरत है। राज्य के कुछ प्रमुख सरकारी और निजी अस्पतालों में हार्ट सहित सभी अंगों के प्रत्यारोपण की सुविधा उपलब्ध है।
ब्रेन डेड की स्थिति तब होती है जब किसी व्यक्ति का दिमाग काम करना बंद कर देता है, लेकिन उसका दिल धड़कता रहता है। इस अवस्था में कुछ घंटों के भीतर फेफड़ा, हृदय, दोनों किडनी, लिवर, पैंक्रियाज और कॉर्निया जैसे अंग निकाले जा सकते हैं और जरूरतमंदों को दान किए जा सकते हैं।
राज्य सरकार के अनुसार, आयुष्मान भारत योजना का लाभ अंगदान करने वालों के परिवारों को देने का निर्णय जल्द ही लागू किया जाएगा। साथ ही, इस पहल को प्रचारित करने के लिए जागरूकता अभियानों को तेज किया जाएगा।