BJP MLA चिंतामणि मालवीय को कारण बताओ नोटिस मिलने पर गरमाई सियासत, माफी मांगने से किया इनकार
माफी मांगना मेरा स्वभाव नहीं है। जो मेरा बयान है, वही अंतिम है। जो भी कुछ कहना था, मैंने सदन में कह दिया: बीजेपी विधायक चिंतामणि मालवीय

भोपाल। मध्य प्रदेश के आलोट से भाजपा विधायक चिंतामणि मालवीय को किसानों की पैरवी करना भारी पड़ गया है। विधानसभा के बजट सत्र में किसानों की बात रखकर मालवीय घिर गए हैं। पार्टी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस भेज दिया है। इसे लेकर अब उन्होंने कहा कि वह अपनी बात पर अडिग हैं और माफी नहीं मांगेंगे।
विधानसभा में सोमवार को कांग्रेस विधायक सोहनलाल बाल्मीक ने भाजपा विधायक चिंतामणि मालवीय को सदन में दिए गए वक्तव्य पर बीजेपी की ओर से नोटिस दिए जाने का मामला उठाया। इस पर चर्चा की भी मांग की। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रश्नकाल के बाद इस पर चर्चा की बात कही है।
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मामले पर बीजेपी विधायक चिंतामणि मालवीय ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुझे अभी नोटिस नहीं मिला है। जब नोटिस मिलेगा, तब तथ्यानुरूप जवाब देंगे। उन्होंने माफी मांगने से इनकार करते हुए कहा कि जो मेरा बयान है, वही अंतिम है। जो भी कुछ कहना था, मैंने सदन में कह दिया। मालवीय ने यह भी कहा कि माफी मांगना मेरा स्वभाव नहीं है।
मालवीय को नोटिस के सवाल पर चुरहट से कांग्रेस के सीनियर विधायक अजय सिंह राहुल ने कहा कि जब पर्ची से मुख्यमंत्री बनता है, जिसको उम्मीद भी न हो...तो प्रदेश कौन चला रहा है? ये तो केंद्र सरकार चला रही है, ये तो नाम मात्र के मुख्यमंत्री हैं। वहीं, सैलाना से भारत आदिवासी पार्टी के विधायक कमलेश्वर डोडियार बोले- भाजपा अपने ही विधायकों की आवाज दबाना चाहती है। हम चिंतामणि जी के साथ हैं।
दरअसल, विधायक चिंतामणि मालवीय ने विधानसभा के बजट सत्र के दौरान उज्जैन सिंहस्थ क्षेत्र में जमीनों की स्थायी अधिग्रहण को लेकर चिंता जताई थी। उन्होंने सदन में कहा था कि उज्जैन को गर्व है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री उज्जैन से हैं। लेकिन, आज उज्जैन का किसान बहुत डरा और परेशान है। क्योंकि, सिंहस्थ के नाम पर उसकी जमीन पहले केवल 3-6 महीनों के लिए अधिग्रहित की जाती थी लेकिन आज उन्हें स्थायी अधिग्रहण का नोटिस दिया गया है।
भाजपा विधायक ने सवाल उठाते हुए कहा था कि पता नहीं किस अधिकारी ने यह विचार रखा है कि, स्पिरिचुअल सिटी (आध्यात्मिक नगरी) बनाएंगे। मैं बताना चाहता हूं कि स्प्रिचुअलिटी किसी सिटी में नहीं रहती है। वह तो त्याग करने वाले लोगों से होती है। हम क्रांक्रीट के भवन बनाकर स्पिरिचुअल सिटी नहीं बना सकते। सिंहस्थ का मुख्य विचार ही तंबू में है। जिन्होंने सबकुछ त्याग दिया, संन्यास ग्रहण कर लिया उनके लिए आप भवन बना रहे हैं। ये तो गलत है।
मालवीय के इस बयान के बाद सरकार को बैकफुट पर आना पड़ गया था। केंद्रीय नेतृत्व तक मामले की जानकारी पहुंचने पर प्रदेश नेतृत्व की ओर से चिंतामणि मालवीय को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की ओर से जारी हुए इस नोटिस में लिखा गया है कि चिंतामणि मालवीय के ताजा बयानों और कृत्यों की वजह से पार्टी की प्रतिष्ठा प्रभावित हो रही है। विधायक मालवीय को 7 दिनों के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया।
बता दें कि मध्य प्रदेश में साल 2028 में आयोजित होने वाले सिंहस्थ महाकुंभ को लेकर तैयारियां जोरों पर है। राज्य सरकार सिंहस्थ मेला क्षेत्र में स्थाई निर्माण के लिए 2378 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण करने की तैयारी में है, इसके विरुद्ध किसानों ने मोर्चा खोल रखा है। 17 गांवों के किसान अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। इन्हीं किसानों की मांग उठाना विधायक चिंतामणि मालवीय को भारी पड़ गया।