भोपाल। मध्य प्रदेश में पटवारी अपने होम टाउन की गृह तहसील में पदस्थ नहीं हो सकेंगे। राजस्व विभाग ने पटवारियों के लिए अलग तबादला नीति जारी की है। इसमें कहा गया है कि पटवारी का पद जिला स्तरीय संवर्ग का होने के कारण यह नीति जारी की जा रही है।

जिले में स्वीकृत पदों से अधिक एवं आरक्षण नियमों के विपरीत पदस्थापना नहीं की जाएगी। इससे पहले सामान्य प्रशासन विभाग अधिकारी-कर्मचारियों के लिए तबादला नीति जारी कर चुका है। इस तबादला नीति के अंतर्गत पटवारी परीक्षा 2022 के 16 फरवरी 2024 को घोषित रिजल्ट के पूर्व के नियुक्त पटवारी ही दूसरे जिले में संविलियन के लिए आवेदन कर सकेंगे। 

यह भी पढ़ें: इंदौर कृषि महाविद्यालय के डीन को पद से हटाने की मांग, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने राज्यपाल को लिखा पत्र

वहीं, ऐसे पटवारी जिनके विरुद्ध लोकायुक्त आपराधिक प्रकरण चल रहे हैं। वह तबादले के लिए अपात्रता की श्रेणी में आएंगे। पटवारी को एक बार जिला आवंटित हो जाने पर उसे उस जिले में उपस्थिति देनी ही होगी। जिस जिले में संविलयन चाहा है। उस जिले में संबंधित वर्ग के रिक्त पद उपलब्ध होने की स्थिति में ही संविलयन किया जाएगा। आरक्षण के प्रावधानों एवं जिला आरक्षण रोस्टर के परिपालन में ही संविलयन किया जा सकेगा।

नई नीति के अनुसार जिस जिले में संविलयन चाहा गया है, उस जिले में संबंधित वर्ग के रिक्त पद उपलब्ध होने की स्थिति में ही संविलयन किया जाएगा।आरक्षण के प्रावधानों एवं जिला आरक्षण रोस्टर के परिपालन में ही संविलयन किया जा सकेगा। आदेश जारी होने के 15 दिन के भीतर पटवारी को संविलयन किये गये जिले में उपस्थिति देनी होगी। जिले के अंदर पदस्थापना जिला कलेक्टर द्वारा की जाएगी परंतु किसी भी पटवारी को उसके गृह तहसील में पदस्थ नहीं किया जायेगा।