इंदौर| NEET UG परीक्षा के दौरान तेज आंधी और बारिश के कारण मध्य प्रदेश के कई इलाकों में बिजली चली गई, जिससे छात्रों की परीक्षा प्रभावित हुई। विशेष रूप से इंदौर के 11 परीक्षा केंद्रों पर 600 से ज्यादा छात्रों को अंधेरे में परीक्षा देनी पड़ी। मोमबत्ती और मोबाइल टॉर्च की रोशनी में पेपर हल करने की कोशिश के बावजूद कई छात्र प्रश्नपत्र तक ठीक से पढ़ नहीं पाए।
4 मई को इंदौर में करीब 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से आंधी चली, जिससे 49 परीक्षा केंद्रों में से 11 पर बिजली पूरी तरह गुल हो गई। यहां पावर बैकअप की कोई व्यवस्था नहीं थी क्योंकि पहली बार एनटीए ने शहर के सरकारी स्कूलों में परीक्षा केंद्र बनाए थे।
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इस मामले को लेकर इंदौर हाईकोर्ट बेंच में कुल 15 याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है। पिछली सुनवाई में एनटीए, बिजली कंपनी और परीक्षा केंद्रों को नोटिस जारी किया गया था और संतोषजनक जवाब न मिलने पर कोर्ट ने NEET UG के अंतरिम परिणाम पर रोक लगा दी थी।
16 मई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने एनटीए की ओर से पक्ष रखते हुए कहा कि यदि पूरे देश का रिजल्ट रोका गया तो सैकड़ों छात्र प्रभावित होंगे। उन्होंने आश्वासन दिया कि प्रभावित 11 केंद्रों की रिपोर्ट पर दो दिन में जवाब पेश किया जाएगा।
वहीं, याचिकाकर्ता के वकील मृदुल भटनागर ने बताया कि कोर्ट ने सभी संबंधित पक्षों को 30 जून तक जवाब देने के निर्देश दिए हैं। 4 मई को हुई इस परीक्षा में मध्य प्रदेश के 30 शहरों में करीब ढाई लाख छात्र शामिल हुए थे। प्रभावित छात्रों का कहना है कि उन्होंने मेहनत से तैयारी की थी, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही ने उनके भविष्य को संकट में डाल दिया। NEET के अलावा अन्य मेडिकल कोर्सेज में प्रवेश का विकल्प न होने के कारण छात्रों का पूरा साल खराब हो सकता है।