सागर| जिले के बीना क्षेत्र के ग्राम हींगटी में गुरुवार रात एक किसान की दर्दनाक मौत हो गई। किसान राजेंद्र अहिरवार (45) नरवाई की आग में जिंदा जल गया। घटना उस समय घटी जब राजेंद्र खेत के पास रखे लकड़ी के ढेर को हटाने की कोशिश कर रहा था। अचानक वह ढेर से गिर पड़ा और सारी लकड़ियां उस पर गिर गईं। इसके बाद खेत में लगी आग की चपेट में आने से उसकी मौत हो गई। इस समय उसकी पत्नी छोटी बाई मौजद थी।

राजेंद्र की पत्नी ने बताया कि उनके पति 5 एकड़ जमीन पर खेती कर रहा थे, और राजेंद्र ने नरवाई जलाने के लिए आग लगाई थी। हालांकि, जब आग बढ़ी, तो राजेंद्र लकड़ी के ढेर में फंस गया, जिसके बाद उन्होंने आग को बुझाने की कोशिश की लेकिन आग नहीं बुझ पाई। इस हादसे के बाद पुलिस ने शव को बीना अस्पताल भेज दिया, जहां पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के सौंप दिया जाएगा। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। 

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राजेंद्र के बेटे राजकुमार अहिरवार ने बताया कि वह रात को बाजार से मुर्गा और शराब लेने गया था। लौटने पर उसे पिता की मौत की खबर मिली। उसने कहा कि उसे यह नहीं पता कि आग पिता ने लगाई थी या मां ने। परिवार में एक ओर दुखद घटना हुई थी, क्योंकि ताऊ का निधन हो गया था।

गांव के कोटवार प्रकाश राय ने कहा कि किसान के बेटे ने घटना की सूचना दी थी, जिसके बाद पटवारी को सूचित किया गया। जब पटवारी मौके पर पहुंचे, तो किसान की पत्नी रोते हुए और बेटा बेसुध पड़ा था। राजेंद्र जिस ज़मीन पर खेती करता था, वह सरकारी भूमि थी, और हाल ही में उसने गेहूं की कटाई कराई थी। 

सागर जिले में इस साल नरवाई जलाने के मामलों में वृद्धि देखी गई है। अब तक 603 मामले सामने आ चुके हैं, जो पिछले साल की तुलना में 177 ज्यादा हैं। पिछले 15 दिनों में 40 किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। सरकार ने नरवाई जलाने पर सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है, और जो किसान नरवाई जलाएंगे, उन्हें सीएम किसान सम्मान निधि और गेहूं की एमएसपी पर खरीद से वंचित किया जाएगा और यह प्रतिबंध एक साल तक प्रभावी रहेगा।