भोपाल। कोरोना की संकट घड़ी में अपनी जान की परवाह के बगैर जिन लोगों ने अपने कर्तव्यों का पालन किया, उन्हीं कोरोना योद्धाओं में से एक पायलट माजिद अख्तर को मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने 85 करोड़ का बिल थमा दिया है। विमान को नुकसान पहुंचाने के आरोप और विमान सुधारने में आए खर्च का हवाला देकर पायलट माजिद अख्तर को इतनी बड़ी राशि का भुगतान करने के लिए कहा गया है। 

पायलट को 85 करोड़ रुपए का बिल थमाने के पीछे शिवराज सरकार की दलील है कि क्रैश लैंडिंग के कारण विमान को सुधारने में शिवराज सरकार को 60 करोड़ का खर्चा आया। इसके साथ ही विमान को सुधारे जाने की अवधि के दौरान निजी ऑपरेटरों से विमान किराए पर लेना पड़ा, जिसमें शिवराज सरकार को 25 करोड़ रुपए का खर्च आया। अब शिवराज सरकार ने इस राशि को पायलट माजिद अख्तर से वसूलने का मन बनाया है। इस संबंध में शिवराज सरकार ने माजिद अख्तर को एक आरोप पत्र भी भेजा है। 

एनडीटीवी की खबर के मुताबिक ग्वालियर एयरपोर्ट पर यह क्रैश लैंडिंग 6 मई, 2021 को हुई थी। जब माजिद अख्तर अहमदाबाद से रेमडेसिविर के 71 बॉक्स की खेप लेकर ग्वालियर पहुंचे थे। लैंडिंग के दौरान विमान एयरपोर्ट पर अरेस्टर बैरियर से टकरा गया था। शिवराज सरकार ने इसका सारा दोष पायलट पर मढ़ दिया है।

इस पूरे मामले में पायलट माजिद अख्तर का पक्ष भी सामने आया है। एक हिंदी न्यूज़ चैनल ने अपनी रिपोर्ट में माजिद अख्तर के हवाले से बताया है कि एयरपोर्ट पर अरेस्टर बैरियर की जानकारी एटीसी द्वारा नहीं दी गई थी। चूंकि एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने उन्हें एयरपोर्ट पर बैरियर के होने की जानकारी नहीं दी थी, इसी वजह से विमान क्षतिग्रस्त हुआ था।