भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मंगलवार को तीसरे चरण में वोटिंग हुई। भोपाल के कई पोलिंग बूथों पर मतदाताओं को मतदान हेतु प्रोत्साहित करने के लिए लॉटरी स्कीम रखी गई थी। इसी लॉटरी स्कीम में योगेश साहू ने कुछ लोगों ने हीरे की अंगूठी जीती। लेकिन अब विजेता खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं क्योंकि उन्हें हीरे की नकली अंगूठी दी गई थी।

दरअसल, लोकसभा चुनाव के पहले और दूसरे चरण में कम मतदान के बाद अधिक मतदाताओं को प्रोत्साहित करने के लिए भोपाल के कई पोलिंग बूथों पर लॉटरी स्कीम का आयोजन किया गया था। इलेक्शन कमीशन द्वारा शुरू की गई इस मुहीम के दौरान भोपाल के कई क्षेत्रों में लकी ड्रॉ का ऐलान किया गया था और कहा गया था कि जो भी अपने मत के अधिकार का इस्तेमाल करता है और वोट करता है, उसे आकर्षक इनाम दिया जाएगा।

विवाद तब शुरू हुआ जब बुधवार को कुछ विजेताओं को संदेह हुआ कि ये असली हीरे नहीं हैं। विजेताओं को जो अंगूठियां मिली थीं, वह लकी जूलर्स बैरागढ़ के डिब्बे में आई थीं। अंगूठी मिलने के बाद जल्द ही उन्होंने लकी जूलर्स के महेश डडलानी को फोन किया तो उन्होंने स्पष्ट कह दिया कि अंगूठियों से उनका कोई लेना-देना नहीं है। 

डडलानी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि ये मेरी अंगूठियां नहीं थीं। यह बॉक्स कपड़ा व्यापारी संघ के अध्यक्ष वासुदेव वाधवानी ने जिला प्रशासन को दिया था। मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है। जिला प्रशासन ने ही बंपर ड्रॉ के विजेताओं को नकली हीरे की अंगूठियां दी हैं। वहीं, वाधवानी ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा कि यह अमेरिकी हीरा है। 

वाधवानी के मुताबिक कलेक्टर ने भोपाल चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज की बैठक बुलाई थी और हमें उपहार वस्तुएं प्रदान करने के लिए कहा था, जिन्हें लॉटरी के माध्यम से मतदाताओं को दिया जा सके ताकि मतदान प्रतिशत बढ़ाया जा सके। यह कभी भी हीरे की अंगूठी नहीं थी। प्रशासन के सूत्रों ने भी स्वीकार किया कि अंगूठी में लगे पत्थर 'अमेरिकी हीरे' थे।