गुवाहाटी। विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान होने के दूसरे दिन ही असम में सत्तारूढ़ बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। बोड़ोलैंड पीपुल्स फ्रंट (BPF) ने बीजेपी का साथ छोड़कर कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन में शामिल होने का एलान कर दिया है। सर्बानंद सोनेवाल कैबिनेट में बीपीएफ के तीन मंत्री रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में BPF के 12 विधायक चुनाव जीतकर आए थे। पार्टी ने शनिवार रात एलान किया कि वो बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन को छोड़कर कांग्रेस की अगुवाई वाले विपक्षी मोर्चे में शामिल हो रहा है।

बोड़ोलैंड पीपुल्स फ्रंट के अध्यक्ष हगरामा मोहिलारी ने ट्वीट कर कहा, 'शांति, एकता और विकास के लिए काम करने के मकसद से बीपीएफ ने आगामी विधानसभा चुनाव में महाजथ के साथ हाथ मिलाने का निर्णय लिया है। बीजेपी के साथ अब हमारी दोस्ती या गठबंधन नहीं है।'

बीपीएफ के साथ आने के बाद अब कांग्रेस की अगुवाई वाले छह दलों के विपक्षी महागठबंधन का विस्तार हो गया है। गठबंधन में अब बोड़ोलैंड पीपुल्स फ्रंट (BPF) और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) भी शामिल हो गए हैं। इससे पहले कांग्रेस ने एआईयूडीएफ, सीपीआई, सीपीएम, सीपीआई (एमएल) और आंचलिक गण मोर्चा (एजीएम) के साथ महागठबंधन का एलान किया था।

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बीपीएफ ने पिछले विधानसभा चुनाव में राज्य की 126 सीटों में से 12 सीटें जीती थीं और भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन में शामिल हो गया था। पिछले साल दिसंबर में हुए बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल के चुनाव में बीपीएफ को 17 जबकि बीजेपी को महज 9 सीटें ही प्राप्त हुई थी। इस 40 सदस्यीय निकाय चुनाव में बीपीएफ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी।

बीपीएफ के एनडीए गठबंधन से अलग होने के बाद असम में दोबारा सरकार बनाना बीजेपी के लिए चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है। असम कांग्रेस चीफ रिपुन बोरा ने फिर से सत्ता में आने का भरोसा जताया है। जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, उनमें असम इकलौता राज्य है जहां बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार है। असम की 126 विधानसभा सीटों के लिए तीन चरणो में मतदान होगा। निर्वाचन आयोग ने वोटिंग के लिए 27 मार्च, 1 अप्रैल और 6 अप्रैल की तारीख घोषित की है।