उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में किशोरी से दुष्कर्म मामले में एक बडा खुलासा हुआ है। परिजनों का दावा है कि उनकी बेटी से गैंगरेप हुआ है। लेकिन पुलिस ने इसकी धाराएं नहीं जोड़ी है। वहीं पुलिस ने मामले को दबाने की कोशिश की और रातों-रात पीड़िता का अंतिम संस्कार करवा दिया। आरोप है कि पुलिस ने मामले को प्रेम प्रसंग में खुदकुशी का बताकर मामले को गलत दिशा दे दी है।

अब इस मामले में परिजनों की मांग है कि केस में गैंगरेप की धारा जल्द से जल्द जोड़ी जाए और फरार दो आरोपियों को भी गिरफ्तार किया जाए। वहीं पुलिस का दावा है कि प्रेम प्रसंग के मामले में आरोपी युवक ने भी नसें काटने की कोशिश की थी। जिसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। वहीं उसके साथी को भी गिरफ्तार किया है। पुलिस का कहना है कि सैंपल जांच के लिए आगरा भेजे गए है, वहां से रेप की पुष्टि होने पर गैंगरेप की धारा जोड़ी जाएगी।

दो साल पहले हाथरस में हुए गैंगरेप की ही तरह पुलिस ने बुलंदशहर की गैंगरेप पीड़िता के परिवार को डरा धमकाकर आधी रात को ही उसका अंतिम संस्कार करवा दिया। परिजनों की मानें तो रात में अंतिंम संस्कार करने के लिए उन्हें मजबूर किया गया था, कहा गया था कि अगर मामले को ज्यादा तूल दिया तो उन्हें भी जेल भेज दिया जाएगा। जबकि पुलिस इससे इनकार कर रही है, पुलिस का आरोप है कि मामले को तूल देने के लिए ऐसा किया जा रहा है।

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घटना बुलंदशहर और अलीगढ़ सीमा से लगे डिबाई-गालिबपुर गांव की है। यह गैंगरेप पीड़िता का ननिहाल है। पीड़िता के परिजनों ने बताया कि 21 जनवरी को किशोरी चारा लेने खेत में गई थी। जहां से 4 युवक उसे अगवा करके ले गए। आरोपियों में धोरऊ निवासी सौरभ शर्मा और उसके तीन साथी शामिल थे। वे उसे गांव के ट्यूबवैल के पास ले गए और वहां पर उसके साथ गैंगरेप किया। इसके बाद सौरभ ने उनकी बेटी से सिर पर गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। पीड़िता के परिजनों का कहना है कि ट्यूबवैल के कमरे की कुंडी बाहर से बंद थी।