लखनऊ। ईडी के ज्वाइंट डायरेक्टर रहे राजेश्वर सिंह को बीजेपी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उतार दिया है। राजेश्वर सिंह को बीजेपी ने लखनऊ से अपना उम्मीदवार बनाया है। राजेश्वर सिंह लखनऊ की सरोजिनी नगर विधानसभा सीट से ताल ठोकेंगे।

राजेश्वर सिंह ने हाल ही में अपनी सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ली थी। जिसके बाद बीजेपी ने उन्हें चुनावी मैदान में उतारने का फैसला किया। राजेश्वर सिंह के चुनावी मैदान में उतरने के बाद कई तरह के सवाल उठ खड़े हुए हैं।

राजेश्वर सिंह की चुनावी उम्मीदवारी पर सवाल खड़ा होने की वजह उनका बैकग्राउंड है। राजेश्वर सिंह कांग्रेस नेता पी चिदंबरम के खिलाफ एयरसेल मामले में हुई जांच का हिस्सा रहे थे। इसके साथ ही रॉबर्ट वाड्रा, कॉमनवेल्थ और टू जी मामलों की जांच में भी राजेश्वर सिंह शामिल थे। ऐसे में इन मामलों की जांच का हिस्सा रहे राजेश्वर सिंह को चुनावी मैदान में उतारे जाने के फैसले ने बीजेपी और केंद्र सरकार द्वारा कांग्रेस नेताओं और उनके सहयोगियों पर राजनीतिक रंजिश लेने के दावे को और मजबूती प्रदान कर दी है। 

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सोशल मीडिया पर इस मसले को काफी उठाया जा रहा है। राजेश्वर सिंह की उम्मीदवारी तय होने के बाद लोग बीजेपी की मंशा पर सवाल भी उठा रहे हैं। सोशल मीडिया पर एक वरिष्ठ पत्रकार ने राजेश्वर सिंह की उम्मीदवारी पर सवाल खड़े किए। पत्रकार ने कहा कि संविधान सरकारी नौकरशाहों को सुरक्षा प्रदान करता है। इसी तर्ज पर नौकरशाहों द्वारा नौकरी छोड़ने के कम से कम पांच वर्षों तक लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ने पर रोक लगा देनी चाहिए। अगर उन्हें चुनाव लड़ने में ही दिलचस्पी हो, तो उन्हें पंचायत और नगर निकाय के चुनाव लड़ने की छूट मिलनी चाहिए।