नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर के अनुच्छेद 370 से जुड़े विशेष कानूनों को हटाने और नए कानूनों को लागू करने के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। नए केंद्र शासित राज्यों, जम्मू कश्मीर और लद्दाख में जमीन खरीदने के लिए विशेष शर्तों की जरूरत नहीं पड़ेगी। नए नोटिफिकेशन के तहत राज्य भूमि अधिग्रहण कानून के भाग आठ के सेक्शन 30 को बदल दिया गया है। इसी तरह जम्मू कश्मीर के कृषि कानून में भी सुधार किया गया है और 1987 के जम्मू कश्मीर वन कानून को भारतीय वन कानून 1927 के तहत निरस्त कर दिया गया है।

एलिनएशन ऑफ लैंड एक्ट, जम्मू कश्मीर बिग लैंड एस्टेट एक्ट, जम्मू कश्मीर कॉमन लैंड्स रेगुलेशन एक्ट और जम्मू कश्मीर कंसोलिडेशन ऑफ होल्डिंग्स एक्ट को भी पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है। नए नोटिफिकेशन के तहत सरकार किसी कोर कमांडर स्तर के सैन्य अधिकारी के अनुरोध पर किसी भी इलाके को रणनीतिक रुप से महत्वपूर्ण क्षेत्र घोषित कर सकती है। इन क्षेत्रों में सुरक्षा बल ट्रेनिंग से लेकर दूसरे काम कर सकते हैं। इसी तरह स्वास्थ्य और शिक्षा के प्रमोशन के लिए सरकार किसी भी व्यक्ति या संस्था को जमीन ट्रांसफर कर सकती है। 

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केंद्र सरकार ने जमीन से जुड़े लगभग सभी पुराने कानून खत्म कर दिए हैं। इनमें जम्मू कश्मीर प्रिवेंशन ऑफ फ्रैगमेंटेशन ऑफ एग्रिकल्चर होल्डिंग्स एक्ट, जम्मू कश्मीर प्रॉहिबिशन ऑफ कनवर्जन ऑफ लैंड एंड एलिनिएशन ऑफ ऑर्किर्ड्स एक्ट, जम्मू कश्मीर राइट ऑफ प्रायर परचेज एक्ट, टीनेन्सी एक्ट की कुछ धाराएं, जम्मू कश्मीर यूटिलाइजेशन ऑफ लैंड एक्ट और जम्मू कश्मीर अंडरग्राउंड यूटिलिटीज एक्ट शामिल हैं।

जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 और 35-A हटाए जाने से पहले तक बाहरी लोगों के लिए वहां स्थायी संपत्ति के रूप में जमीन खरीदना मुमकिन नहीं था। लेकिन इस नोटिफिकेशन के बाद जम्मू कश्मीर से बाहर के लोग भी इस केंद्र शासित प्रदेश में ज़मीन जायदाद की खरीद-फरोख्त कर सकेंगे।मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक जम्मू कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिंहा ने कहा है कि यहां कृषि योग्य भूमि केवल वही खरीद सकेगा, जो किसान है। हालांकि ये भी कहा जा रहा है कि स्कूल और अस्पताल बनाने के लिए कृषि योग्य भूमि का सौदा संभव है। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि केंद्र द्वारा किया गया यह संशोधन अस्वीकार्य है।