देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में पिछले साल हुए ब्लैकआउट के पीछे क्या चीन का हाथ था? यह सवाल एक अमेरिकी एजेंसी की रिपोर्ट की वजह से उठ रहा है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले साल 12 अक्टूबर को मुंबई के बड़े हिस्से में अचानक बिजली चले जाने के पीछे चीनी साइबर अटैक का हाथ हो सकता है।  अमेरिकी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन ने मुंबई में ब्लैकआउट को अंजाम देकर यह दिखाने की कोशिश की थी कि अगर भारत के साथ सीमा पर टकराव बढ़ा तो वो जवाबी कार्रवाई के तौर पर इस तरह की हरकत भी कर सकता है। 

अमेरिकी रिपोर्ट के मुताबिक भारत में पावर ग्रिड्स को नियंत्रित करने वाले सिस्टम में चीन ने अपने हैकर्स के जरिए मालवेयर यानी एक तरह के कंप्यूटर वायरस घुसा दिए थे। साथ ही चीन की साइबर अटैक टीम ने भारतीय पावर सिस्टम पर लगातार हज़ारों साइबर अटैक करके उन्हें ठप करने की कोशिश भी की थी। अमेरिकी सायबर सिक्योरिटी कंपनी रिकॉर्डेड फ्यूचर के मुताबिक उसने इन हमलों के बारे में भारत सरकार के साइबर सिक्योरिटी से जुड़े विभाग को अलर्ट भी किया था।

अमेरिकी कंपनी का कहना है कि भारत के पावर ग्रिड सिस्टम के भीतर इस हमले की वजह से क्या हुआ, इसका ब्योरा तो उसके पास नहीं है, लेकिन उसने अपने पास मौजूद जानकारियां भारतीय एजेंसियों के साथ शेयर की हैं। अमेरिकी कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उसका मानना है कि भारत सरकार के साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स को इस हमले के बारे में जानते हैं, लेकिन उसे यह नहीं पता कि इस सिलसिले में उन्होंने क्या कदम उठाए। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन सीमा पर जारी तनाव के बीच मुंबई की बिजली सप्लाई को ठप करके बताना चाहता था कि वो भारत को नुकसान पहुंचाने के लिए क्या-क्या कर सकता है। अमेरिकी रिपोर्ट के मुताबिक चीन का इरादा यह दिखाने का था कि वो चाहे तो भारत के बड़े इलाके को अंधेरे में डुबो सकता है।

रिकॉर्डेड फ्यूचर ने अपनी स्टडी में इस बात का उल्लेख किया है कि उस दौरान चीनी हैकर्स ने 40 हज़ार से ज़्यादा बार भारत के पॉवर ग्रिड, आईटी सेक्टर और बैंकिंग सेक्टर्स पर सायबर अटैक किया था। स्टडी के मुताबिक चीन ने यह हमले भारत के पूरे पावर ग्रिड सिस्टम पर कब्जा करने की नीयत से किए थे। इस दावे की पुष्टि रिकॉर्डेड फ्यूचर के सीओओ स्टुअर्ट सोलोमन ने खुद की है। सोलोमन का कहना है कि चीन की रेड ईको नामक फर्म के हैकर्स ने भारत की एक दर्जन से ज़्यादा पावर जेनरेशन और ट्रांसमिशन लाइन्स में घुसपैठ की थी और उसी दौरान मुंबई की पावर सप्लाई ठप हुई थी।

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दरअसल 12 अक्टूबर 2020 को बिजली की सप्लाई ठप होने से पूरे मुंबई शहर में हड़कंप मच गया था। इसका सबसे ज़्यादा प्रभाव मुंबई के अस्पतालों पर पड़ा था, जहाँ वेंटिलेटर्स को चालू करने के लिए एमर्जेन्सी जेनरेटर्स की मदद लेनी पड़ी थी। शेयर मार्केट का कारोबार भी बंद हो गया था। हालांकि दो घंटे की मशक्कत के मुंबई में बिजली बहाल हो गई थी।