भोपाल/इंदौर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी पर एक बार फिर से अपनी सरकार गिराने की साज़िश रचने का आरोप लगाकर सियासत को गरमा दिया है। अशोक गहलोत का दावा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान मिलकर राजस्थान की सरकार को गिराने का खेल कर रहे हैं, जिसमें बीजेपी नेता ज़फर इस्लाम भी शामिल हैं। लेकिन धर्मेंद्र प्रधान गहलोत के इन आरोपों पर फिलहाल चुप्पी साधे हुए हैं। मीडिया के पूछने पर भी वो इस बारे में कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं। 

आरोपों का जवाब कभी ठहाका तो कभी जय श्री हनुमान

केन्द्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की मध्य प्रदेश की दो दिन की यात्रा के दौरान जब उनसे इस बारे में सवाल किए गए तो वे कोई जवाब देने की जगह लगातार उन्हें टालते नज़र आए। इंदौर के देवी अहिल्याबाई हवाई अड्डे पर प्रधान के पहुंचते ही जब पत्रकारों ने उनसे गहलोत के आरोपों के बारे में सवाल पूछे तो उन्होंने सवाल को हंसकर टाल दिया। इसके बाद पेट्रोलियम मंत्री हवाई अड्डे के नजदीक पित्रेश्वर हनुमान मंदिर पहुंचे। वहां पर पत्रकारों ने एक बार फिर धर्मेंद्र प्रधान से गहलोत के आरोपों पर सवाल पूछा। इस बार भी केंद्रीय मंत्री ने उनके सवालों का कोई सीधा जवाब देने की जगह कहा, 'जय श्री हनुमान!'

प्रधान की प्रतिक्रिया से तेज़ हुई अटकलें

धर्मेंद्र प्रधान की इस प्रतिक्रिया को लेकर अलग-अलग कयास लगाए जा रहे हैं। प्रधान के आरोपों का सीधे तौर पर खंडन नहीं करने का यह मतलब भी निकाला जा रहा है कि दाल में कुछ तो काला है। गहलोत ने सरकार गिराने की कोशिशों में सीधे तौर पर धर्मेंद्र प्रधान और अमित शाह का रोल होने का आरोप लगाया है। ऐसे में प्रधान की खामोशी के अलग-अलग मायने लगाए जा रहे हैं। 

हालांकि राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ गहलोत के आरोपों का खंडन कर चुके हैं। राठौड़ का दावा है कि गहलोत को कांग्रेस हाईकमान दिल्ली बुलाना चाहती है। लेकिन वे मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़कर यहां से जाना नहीं चाहते, लिहाज़ा ऐसे बयान दे रहे हैं। 

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गहलोत ने क्या लगाया है आरोप
दरअसल शनिवार को अशोक गहलोत ने अमित शाह, धर्मेंद्र प्रधान और ज़फर इस्लाम पर आरोप लगाया था कि वे राजस्थान की सरकार को एक बार फिर अस्थिर करने की साजिश रच रहे हैं। गहलोत ने प्रधान पर हमला बोलते हुए कहा था कि केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस के विधायकों के सामने न्यायाधीशों से बातचीत का दिखावा करके उन पर दबाव बनाने की कोशिश की थी।