नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर आरोप लगाए जाने पर कांग्रेस पार्टी ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पर पलटवार किया है। कांग्रेस पार्टी ने उपराष्ट्रपति के आरोपों को बेबुनियाद करार देते हुए पक्षपात न करने की हिदायत भी दी है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि उपराष्ट्रपति सत्ता पक्ष के चीयरलीडर की तरह काम नहीं कर सकते। 



जयराम रमेश ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि कुछ पद ऐसे होते हैं जिस पर आसीन होने के बाद आपको अपने पूर्वाग्रह और पार्टी विशेष के प्रति निष्ठाओं को त्यागना होता है। जयराम रमेश ने कहा कि उपराष्ट्रपति एक ऐसी सरकार का बचाव करने के लिए दौड़ पड़े, जिससे संवैधानिक दायित्व के अनुसार उन्हें दूरी बनाए रखना आवश्यक था। 



जयराम रमेश ने राहुल गांधी के बयान के संबंध में कहा कि राहुल गांधी का बयान न सिर्फ तथ्यात्मक है बल्कि उनका बयान जमीनी वास्तविकता को दर्शाता है। जयराम रमेश ने कहा कि पिछले दो सप्ताह में बारह से अधिक सदस्यों को विशेषाधिकार हनन का नोटिस थमाया गया क्योंकि उन्होंने सदन के अंदर एक ऐसे मुद्दे पर अपनी आवाज़ दबाए जाने का विरोध किया था, जो सत्तापक्ष के लिए असुविधजनक हैं। जयराम रमेश ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में मीडिया संस्थानों को इस कदर धमकाया गया है कि सिर्फ सरकार की आवाज़ ही सुनाई देती है।



जयराम रमेश ने कहा कि मौजूदा समय में असहमति से भयभीत होना संविधान और उस हर चीज़ के साथ विश्वासघात होगा जिसके लिए हमारे राष्ट्र निर्माताओं ने संघर्ष किया था। कांग्रेस पार्टी इस शासन के विरुद्ध सबसे सशक्त आवाज़ रही है और हम आगे भी ऐसा करते रहेंगे।जयराम रमेश ने कहा कि राज्यसभा के सभापति, सभी के लिए मार्गदर्शक, रेफरी और अंपायर हैं वह किसी सत्तापक्ष के लिए चीयरलीडर नहीं हो सकते।  





गुरुवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पूर्व केंद्रीय मंत्री कर्ण सिंह की मुण्डक उपनिषद पर आधारित एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में शिरकत की थी। जिसमें उन्होंने बिना राहुल गांधी का नाम लिए उनके ऊपर मिथ्या प्रचार करने का आरोप लगाया था। जगदीप धनखड़ ने कहा कि एक सांसद द्वारा विदेश में यह कहना कि संसद में माइक बंद कर दिया जाता है, यह देश का अपमान है। जिसके बाद कांग्रेस नेता ने जयराम रमेश ने पलटवार करते हुए कहा है कि राहुल गांधी ने ऐसा कुछ नहीं कहा, जो उन्होंने पहले न कहा हो।