नई दिल्ली ।
कोरोना वायरस की टेस्टिंग को बढ़ाने की दिशा में कदम उठाते हुए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने उत्पादकों से पांच लाख एंटीबॉडी किट की सप्लाई के लिए संविदा मंगाए है ताकि बड़े स्तर पर वायरस की जांच की जा सके। यहां भारत सरकार दक्षिण कोरिया के उदाहरण से सीख रही है, जो अधिक से अधिक टेस्टिंग की मदद से इस महामारी से प्रभावितों की संख्या कम करने में कामयाब रहा है।


भारत में आज सुबह नौ बजे तक 26,798 लोगों के 27,688 सैंपल की टेस्टिंग हुई है। इसमें से 2।6 (691) फीसदी सैंपल पॉजिटिव पाए गए हैं। दक्षिण कोरिया में 9,332 लोग कोरोना से अब तक संक्रमित पाए गए हैं। जबकि करीबन 139 लोग इस संक्रमण से अपनी जान गंवा चुके हैं। यहां अब तक 4,528 लोग इस बीमारी से उभर चुके हैं। एनआईएमएचएएनएस में न्यूरोवायरोलॉजी विभाग के प्रमुख और वरिष्ठ प्रोफेसर डॉक्टर वी रवि ने अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि "संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों को फिलहाल बड़ी संख्या में क्वारंटाइन किया जा रहा है। ऐसे में कोरोना संक्रमित की पहचान करने के लिए एंटीबॉडी टेस्टिंग करना स्क्रीनिंग टेस्ट की तरह काम करेगा, जिसके परिणाम कुछ घंटों में सामने होते हैं।"
डॉक्टर वी रवि ने कहा कि "पारंपरिक तौर पर किए जाने वाले आरटी-पीसीआर टेस्ट (आरएनए) से पहले अगल एंटीबॉटी टेस्ट किया जाए तो ये स्क्रीनिंग की तरह काम करेगा। पीसीआर टेस्ट किट की कमी है साथ ही ये महंगा और जटिल होता है जिसमें अधिक समय लगता है।"
दक्षिण कोरिया ने लोगों को उनकी ट्रेवल हिस्ट्री और संपर्क में आने के आधार पर एंटीबॉडी टेस्ट शुरू किया। इस टेस्ट से ये पता चल जाता है कि व्यक्ति वायरस के संपर्क में आया है या नहीं। इस टेस्ट में पॉजिटिव पाए जाने पर व्यक्ति का आगे पीसीआर किट की मदद से आरएनए टेस्ट किया जा सकता है। ये प्रक्रिया दो चरणों में होगी।
उन्होंने कहा कि "एंटीबॉडी टेस्ट आसान होता है जिसके परिणाम कुछ ही घंटों में आ जाते हैं। हालांकि ध्यान देने वाली बात है कि ये टेस्ट कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि नहीं करती है। इसे केवल स्क्रिनिंग की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है।"
डॉक्टर वी रवि ने कहा कि "इस बात की भी संभावना है कि संक्रमण के शुरुआती चरण में होने पर एंटीबॉटी टेस्ट नेगेटिव आ सकता है। ऐसे में टेस्ट नेगेटिव आने का मतलब ये नहीं कि व्यक्ति कोरोना संक्रमित नहीं है।"
आईसीएमआर ने किट की सप्लाई के लिए संविदा मांगते हुए कहा कि इनकी सप्लाई देश में छह जगहों- डिब्रूगढ़, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, भोपाल और दिल्ली में की जानी है।
फिलहाल भारत केवल आरटी-पीसीआर टेस्ट ही कर रहा है, निजी लैब में सरकार ने इसके लिए 4,500 रुपये की अधिकतम कीमत तय की है। आईसीएमआर ने सात लाख आरएनए टेस्ट किट के लिए संविदा भी मंगाए हैं।