नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी ने हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में अटल टनल का उद्घाटन किया। यह टनल मनाली के पास सोलांग घाटी को लाहौल और स्पीति जिलों के सिस्सु से जोड़ता है। बताया जा रहा है कि 9.02 किलोमीटर की  यह सुरंग सबले लंबी हाइवे टनल है, जो तीन हजार मीटर की ऊंचाई पर बनाई गई है। उद्घाटन के दौरान पीएम मोदी के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सीडीएस बिपिन रावत और थल सेना अध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे मौजूद रहे। 



बताया जा रहा है कि टनल ने सोलांग घाटी और सिस्सु के बीच की दूरी 46 किमी कम कर दी है। डबल लेन की यह टनल करीब तीन हजार कार और डेढ़ हजार ट्रक को संभाल सकती है। इस दौरान गाड़ियों की गति 80 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक नहीं होनी चाहिए। 



टनल का उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "अटल टनल भारत के बॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर को नई ताकत देगी। यह बॉर्डर कनेक्टिविटी का विश्व स्तरीय उदाहरण है। इस तरह के प्रोजेक्ट की मांग थी लेकिन या तो वे शुरू ही नहीं हो पाए या फिर बीच में ही अटक गए।"



प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले चार सालों में हमने इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 26 सालों का काम पूरा किया है। वहीं राजनाथ सिंह ने कहा कि यह टनल हमारे देश की सुरक्षा कर रहे सैनिकों को समर्पित है। 





इस टनल के निर्माण में 15 हजार टन स्टील का इस्तेमाल हुआ है। इसके निर्माण में करीब 3,200 करोड़ रुपये की लागत आई है। इसे मई 2020 में पूरा होना था, लेकिन कोराना वायरस महामारी के कारण प्रोजेक्ट समय पर पूरा नहीं हो पाया। टनल एक तरफ नागरिकों को सुविधा प्रदान करेगी और दूसरी तरफ सैनिकों को रणनीतिक रूप से बढ़त देगी क्योंकि यह हर मौसम में खुली रहेगी। 



टनल में इमरजेंसी एग्जिट की सुविधा भी है। साथ ही साथ हर 150 मीटर पर टेलीफोन सुविधा और हर 60 मीटर पर अग्निशामक यंत्र की सुविधा दी गई है। प्रत्येक एक किलोमीटर पर वायु गुणवत्ता की जानकारी और प्रत्येक 500 मीटर पर इमरजेंसी एग्जिट है। हर 250 मीटर पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।