नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कोरोना काल में केंद्र सरकार के उदासीन रवैए के मसले पर सरकार से सवाल किया है। राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा है कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर, दूसरी लहर से भी अधिक घातक होने वाली है। राहुल गांधी ने कहा है कि यह समय यह सोचने का है कि हमें आगे क्या करना है? राहुल गांधी ने 150 पन्नों का एक सुझाव पत्र (श्वेत पत्र) भी जारी किया ताकि संभावित तीसरी लहर से पहले उचित कदम उठाया जा सके।  

केंद्र के दिए आंकड़ों की तुलना में 6 गुना अधिक हुई हैं मौतें 

राहुल गांधी ने अपनी प्रेसवार्ता में कोरोना से मृत्यु के आंकड़े में हेराफेरी की बात कही है। राहुल गांधी ने कहा है कि उनका खुद का आंकलन यही है कि केंद्र सरकार कोरोना से मृत्यु के जो आंकड़े पेश कर रही है, उसकी तुलना में 6 गुना अधिक मौतें हुई हैं। लेकिन यह समय यह सोचने का है कि कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए हमें क्या करना चाहिए? राहुल ने कहा कि कोरोना से मृत्यु के आंकड़े में की जा रही हेराफेरी को कई तरीकों से पकड़ा जा सकता है। राहुल ने कहा कि अगर सरकार कोरोना की दूसरी लहर को बुरा मानकर चल रही है तो तीसरी लहर इससे भी अधिक खतरनाक हो सकती है। क्योंकि वायरस अपने आप को बारंबार परिवर्तित कर रहा है।इसलिए इस बात की पूरी संभावना है कि तीसरी लहर के बाद भी और भी कई लहरें आएं।  

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मिशन मोड पर होना चाहिए वैक्सीनेशन

राहुल गांधी ने वैक्सीन लेकर लोगों के मन में व्याप्त डर को दूर करने के लिए सरकार को सुझाव सुझाए। राहुल गांधी ने कहा कि इस समय वैक्सीन को लेकर लोगों के मन से डर निकालने के लिए टीकाकरण मिशन मोड में किया जाना चाहिए। इसके साथ ही जो लोग वैक्सीन लगवाने से हिचक रहे हैं उन्हें वैक्सीन का लाभ और कोरोना के खतरे से परिचित करवाना चाहिए।

सरकार को अपनी गलतियां ठीक करनी ही होंगी 

राहुल गांधी ने कहा कि उनका उद्देश्य किसी पर उंगली उठाना नहीं है। लेकिन कोरोना के दौर में लापरवाही के कारण जो गलतियां हुई हैं। उन्हें ठीक करना बेहद जरूरी है। राहुल ने कहा कि देश के वैज्ञानिक और डॉक्टर्स कोरोना की दूसरी लहर के लिए पहले से ही आगाह कर रहे थे। लेकिन उस दौरान सरकार को जो कदम उठाने चाहिए थे, वो कदम सरकार ने नहीं उठाए।

राहुल गांधी ने कहा कि दूसरी लहर में जो लापरवाही बरती गई, वो गलतियां अब नहीं होनी चाहिए। हमारे अस्पतालों में हर ज़रूरी चीज़ की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। तभी हम कोरोना की तीसरी लहर का डटकर सामना कर पाएंगे।