सूर्य ने हाल ही में अपनी सबसे ताकतवर सौर ज्वाला (X9.1) उत्पन्न की है, जो सौर चक्र 25 में अब तक की सबसे बड़ी घटना है। यह ज्वाला सूर्य के एक बड़े धब्बे (सनस्पॉट AR3842) से निकली, जिसे नासा के सोलर डायनेमिक्स ऑब्जर्वेटरी ने देखा। इस ज्वाला से निकलने वाली ऊर्जा ने पृथ्वी के वायुमंडल को प्रभावित किया, जिससे अफ्रीका और दक्षिण अटलांटिक के कुछ हिस्सों में 30 मिनट तक रेडियो सिग्नल बाधित हो गए।

 

इस सौर ज्वाला से निकलने वाली कोरोनल मास इजेक्शन (CME) भी महत्वपूर्ण है। यह 6 अक्टूबर को पृथ्वी से टकरा सकती है, और इसके कारण भू-चुंबकीय तूफान आ सकता है। इससे पहले, 4 और 5 अक्टूबर के बीच भी एक अन्य CME के आने की संभावना है, जिससे इस सप्ताह के अंत में तूफानों के साथ-साथ आकाश में ऑरोरा (उत्तरी रोशनी) दिखाई दे सकते हैं।

 

राष्ट्रीय महासागरीय और वायुमंडलीय प्रशासन (NOAA) ने 3 से 5 अक्टूबर के बीच भू-चुंबकीय तूफानों की चेतावनी दी है, जो G1 (हल्का) से G3 (मजबूत) तक हो सकते हैं। ये तूफान पृथ्वी के बिजली ग्रिड, सैटेलाइट और नेविगेशन सिस्टम पर असर डाल सकते हैं, साथ ही सामान्य से ज्यादा इलाकों में ऑरोरा देखने को मिल सकता है।

 

2024 में सूर्य की गतिविधि बहुत बढ़ गई है और अब तक 41 एक्स-क्लास ज्वालाएँ निकल चुकी हैं, जो पिछले 9 सालों की कुल ज्वालाओं से भी ज्यादा हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि हम सौर चक्र के सक्रियतम चरण में हैं, जो 2025 तक जारी रह सकता है। इसलिए, इस हफ्ते के अंत में ऑरोरा के अद्भुत नजारे देखने के लिए लोग तैयार रहें, खासकर उन जगहों पर जहां यह आमतौर पर नहीं दिखता।