कानपुर। उत्तरप्रदेश में इंजेक्शन की कालाबाजारी व नकली ब्लैक फंगस इंजेक्शन बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। इस गोरखधंधे का मास्टरमाइंड बीजेपी नेता प्रकाश मिश्रा बताया जा रहा है। माना जा रहा है कि राज्य के कई मंत्रियों समेत बीजेपी अध्यक्ष से उसके करीबी रिश्ते थे। प्रकाश के कद का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जन्मदिन के मौके पर खुद प्रधानमंत्री मोदी ने उसे पत्र लिखकर बधाइयां भेजी थीं।

पुलिस के मुताबिक गुरुवार रात जब प्रकाश को पकड़ा गया तब वह उल्टे पुलिस पर ही रौब झाड़ने लगा। अपने रसूख का हवाला देते हुए उसने पुलिसकर्मियों को कहा, 'राज्य के बड़े-बड़े मंत्रियों और अधिकारियों के साथ मेरे करीबी संबंध हैं। सोच समझकर कार्रवाई कीजिए वरना ठीक नहीं होगा।' लेकिन इंजेक्शन के साथ रंगे हाथ पकड़े जाने की वजह से पुलिस ने उसकी एक न सुनी। 

इतना ही नहीं उसके पास से जो लग्जरी एसयूवी बरामद हुई है उसपर हाईकोर्ट लिखा हुआ है। जांच में पता चला है कि यह उसके किसी वकील मित्र का है। पुलिस ने मामले में FIR दर्ज करने के बाद प्रकाश और उसके साथी ज्ञानेश को जेल भेज दिया। बताया जा रहा है कि प्रकाश की गिरफ्तारी के बाद बड़े-बड़े नेताओं के ताबड़तोड़ फोन आने लगे, हालांकि हकीकत पता चलने के बाद सभी ने अपने हाथ खींच लिए।

कानपुर के ग्वालटोली थाना प्रभारी कौशल किशोर दीक्षित ने कहा कि, 'प्रकाश मिश्रा भारतीय जनता युवा मोर्चा के वर्किंग कमेटी का मेंबर रह चुका है। साथ ही एक मंत्री के साथ उसका उठना बैठना है। मंत्री के मदद से ही उसने लखनऊ से लेकर दिल्ली तक पैठ बना रखी है।' पुलिस के मुताबिक कालाबाजारी का उसका नेटवर्क अलाहाबाद और वाराणसी तक फैला हुआ है। इसके नकली इंजेक्शन लेने की वजह से वाराणसी में एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है। 

प्रकाश मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया पर उसकी कई तस्वीरें वायरल हो रही है, जिनमें वह उत्तरप्रदेश बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, पतंजलि योगपीठ के संस्थापक रामदेव समेत कई मंत्रियों के साथ देखा जा सकता है। आरोपी के पहुंच का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि साल 2018 में जब उसका जन्मदिन था तब प्रधानमंत्री मोदी ने उसे बाकायदा पत्र लिखकर शुभकामना सन्देश भेजा था।

एसीपी कर्नलगंज त्रिपुरारी पांडेय के मुताबिक सूचना मिली थी कि कानपुर में नकली इंजेक्शन बेचे जा रहे हैं। प्रयागराज से एक मोबाइल नंबर दिया गया था जिसके बाद डीसीपी पश्चिम की सर्विलांस टीम ने इस नंबर को ट्रेस कर आरोपी को धर दबोचा। प्रकाश के खिलाफ औषधि प्रसाधन सामग्री अधिनियम, नकली दवाई बेचने समेत अन्य धाराओं में मुकदमें दर्ज किये गए है। हालांकि, अब इस बात को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं कि आरोपी के खिलाफ पुलिस ने महामारी अधिनियम के तहत कार्रवाई क्यों नहीं की?