नई दिल्ली। भारत के वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ अब इस दुनिया में नहीं रहे। लंबी बीमारी से लड़ते हुए आखिरकार विनोद दुआ ने दम तोड़ दिया। विनोद दुआ के निधन की खबर से भारतीय मीडिया जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। देशभर से उनके सहकर्मी और साथी पत्रकार उनके निधन पर शोक प्रकट कर रहे हैं।

विनोद दुआ की बेटी मल्लिका दुआ ने इस बारे में जानकारी देते हुए लिखा कि, ‘मेरे निडर, निर्भीक और असाधारण पिता विनोद दुआ अब इस दुनिया में नहीं रहे। दिल्ली के रिफ्यूजी कॉलोनियों से निकलकर पत्रकारिता जगत के 42 साल के करियर में वे सत्ता के सामने सच्चाई रखते रहे। वे अब स्वर्ग में हमारी मां और अपनी पत्नी चिन्ना के साथ हैं, जहां वे दोनों साथ गाना गाएंगे और यात्रा करेंगे।' 

दरअसल, इस साल कोरोना की दूसरी लहर में विनोद दुआ और उनकी पत्नी चिन्ना दुआ वायरस की चपेट में आ गए थे। दोनों को उपचार के लिए अस्पताल में एडमिट कराना पड़ा था। अस्पताल से लौटने के बाद जून के महीने में विनोद दुआ की पत्नी चिन्ना दुआ पोस्ट कोविड कॉम्प्लिकेशन्स से हार गईं। पत्नी की मौत के बाद विनोद दुआ भी बीमार रहने लगे थे और तबियत ज्यादा बिगड़ने की वजह से उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया था।

67 वर्षीय विनोद दुआ को पत्रकारिता जगत के चमकते सितारे के रूप में देखा जाता था। दशकों के अपने पत्रकारिता करियर में विनोद दुआ ने कई मीडिया घरानों में काम किया था। उनकी उत्कृष्ट पत्रकारिता के वजह से देश में उनके लाखो प्रशंसक हैं। उन्होंने दूरदर्शन, एनडीटीवी और स्वराज जैसे संस्थानों में कई जिम्मेदारियां संभाली। सन 1996 में उन्हें भारतीय पत्रकारिता का सर्वश्रेष्ठ सम्मान रामनाथ गोयनका पुरस्कार से नवाज़ा गया था। भारत सरकार  साल 2008 में उन्हें पद्मश्री से विभूषित कर चुकी है।