पूर्व मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मध्‍य प्रदेश को शांति का टापू कहते थे। इंवेस्‍टर्स समिट में भी बेहतर लॉ एंड ऑर्डर प्रदेश की ब्रांडिंग करते हुए निवेशकों को आमंत्रित किया गया था। मगर इसबार होली के आसपास प्रदेश में जो हुआ वह तो भयावह है। 

इंदौर के परदेशीपुरा क्षेत्र में कानून व्यवस्था संभालते हुए पुलिस और वकील की झड़प हो गई। इस बात से आक्रोशित वकीलों ने हाईकोर्ट के सामने चक्का जाम कर दिया। खबर है कि राहगीरों के साथ मारपीट भी की गई। कानून के पैरोकारों ने खुद कानून हाथ में ले लिया। स्थिति को संभालने के लिए तुकोगंज टीआई जितेंद्र यादव चर्चा करने पहुंचे तो नशे में होने का आरोप लगाते हुए थाना प्रभारी के साथ झूमाझटकी कर उन्हें गिरा दिया। उनकी वर्दी फाड़ने का प्रयास हुआ। उन्‍हें जान बचा कर भागना पड़ा। इस तरह वकीलों ने पुलिस को नीचा दिखा दिया। इंदौर में ही नहीं प्रदेश में कहीं भी पुलिस और वकील का संघर्ष होता है तो पुलिस को नीचा देखना ही पड़ता है। कोर्ट में पिटाई से लेकर बाहर चक्‍काजाम शक्ति प्रदर्शन का जरिया है।

इसके बाद मऊगंज में तो जो हुआ वह और भी खौफनाक है। जिले के शाहपुरा थाना क्षेत्र के गड़रा गांव में आदिवासी परिवार ने एक युवक को बंधक कर हत्‍या कर दी। उसे बचाने पहुंची पुलिस टीम पर भी आरोपियों ने हमला कर दिया। हमले में एएसआई रामचरण गौतम की मौत हो गई। मारपीट से तहसीलदार कुंवरे लाल पनिका के हाथ-पैर की हड्डी टूट गई है, जबकि टीआई संदीप भारतीय के सिर पर गंभीर चोट आई है। युवक को बंधक बना कर हत्‍या की वजह दो महीने पहले हुआ एक सड़क हादसा है। इस हादसे में अशोक कुमार आदिवासी की मौत हो गई थी। आदिवासी परिवार का आरोप था कि अशोक की हत्या की गई, उन्होंने इसका आरोप सनी द्विवेदी पर लगाया था। लेकिन, पुलिस ने जांच के बाद सनी को क्लीनचिट दे दी। लेकिन, आदिवासी परिवार इससे संतुष्ट नहीं था। नाराज आदिवासियों ने अंतत: हत्‍या कर बदला लिया। 

इंदौर में विद्वान वकीलों ने कानून हाथ में लिया तो मऊंगज पिछड़े माने जाने वाले आदिवासियों ने हमला किया। ये स्थितियां चेतावनी हैं कि प्रदेश में पुलिस और कानून का डर हवा हो रहा है। तंत्र राजनीति के सामने नतमस्‍तक है तो भीड़ भी कानून हाथ में लेने से चूकती नहीं है। हम जोड़ते, गिड़गिड़ाते, मान खाते, जान गंवाते पुलिस अधिकारी देख रहे हैं।

गृह विभाग के मुखिया कोई और नहीं स्‍वयं मुख्‍यमंत्री हैं और इंदौर उनके प्रभार का जिला है। आदिवासी बीजेपी की राजनीति के केंद्र में है और ब्राह्मण रीवा जिले की वोट पॉलिटिक्‍स का एक ध्रुव है। हालांकि, मुख्‍यमंत्री और गृहमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मऊगंज घटना के दोषियों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए है लेकिन अब गृहमंत्री यानी मुख्‍यमंत्री डॉ. मोहन यादव से ही अपेक्षाएं हैं कि वे अपने कार्यकाल के शुरुआती दिनों की तरह तेवर दिखाएं और कानून का राज स्‍थापित करवाएं अन्यथा पुलिस का राजनीतिकरण और खतरनाक स्थितियां पैदा कर सकता है। 

उठ गया पर्दा, कलेक्टर के लिए रिश्वत ले रही थी महिला अधिकारी 

मैं अपने लिए पैसा थोड़े ही ले रही हूं। ऊपर तक देना पड़ता है। इसमें कलेक्‍टर, एसडीएम और तहसीलदार का भी हिस्‍सा है...

यह कहते हुए भोपाल के कोलार क्षेत्र की आरआई यानी राजस्‍व निरीक्षक लाखों की रिश्‍वत ले रही थी। यह रिश्‍वत जमीन का नामांतरण करने के बदले मांगी जा रही थी। कोलार क्षेत्र भोपाल का सर्वाधिक विकसित होता इलाका है। यहां गांवों की जमीन का सीमांकन, नामांतरण तथा भूमि उपयोग में बदलाव के कई मामले लंबित हैं। आरोप थे कि राजस्‍व विभाग के अधिकारी लाखों की रिश्‍वत मांगते हैं। 

रिश्‍वतखोरी की शिकायतें भी बार-बार की जाती रही है लेकिन सुनवाई करे कौन? इस बार मंगलवार को जब स्‍वयं भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह जनसुनवाई में पहुंचे तो भ्रष्‍टाचार से पर्दा उठ गया। उन्‍हें बताया गया कि उनके नाम पर राजस्व निरीक्षक रुचि शर्मा कृषि भूमि के सीमांकन के बदले रिश्‍वत की मांग की जा रही है। कलेक्‍टर से जांच करवाई तो शिकायत सही पाई गई। अपने नाम से रिश्‍वत लेने पर कलेक्टर ने राजस्‍व निरीक्षक को सस्पेंड कर दिया। 

लेकिन उस व्यवस्था का क्‍या जो बेनकाब हो चुकी है? इस व्‍यवस्‍था को कौन सुधारेगा? आमतौर पर भोपाल कलेक्टर जनसुनवाई में आते नहीं हैं। इसबार भी नहीं आते तो रिश्‍वत के मामले की सुनवाई होती ही नहीं। अब वे खुद घिरे हैं तो संभव है कि वे नियमित रूप से जनसुनवाई में आएंगे। यूं भी यदि जिले का मुखिया ही जनसुनवाई जैसी सरकार की महत्‍वाकांक्षी योजना पर ध्‍यान नहीं देगा तो यह प्रक्रिया भी सतही बनेगी और जनता को राहत भी नहीं मिलेगी। 

पति, पत्‍नी और कटनी एसपी, शिकायत का माजरा क्या है? 

कटनी एक बार फिर चर्चा में हैं। यहां पदस्‍थ सीएसपी ख्याति मिश्रा के पति दमोह के तहसीलदार शैलेंद्र बिहारी शर्मा ने डीजीपी और प्रमुख सचिव पत्र लिख कर सनसनी फैला दी है। तहसीलदार का आरोप है कि एसपी अभिजीत रंजन उनकी पत्नी को ब्लैकमेल कर रहे हैं और उनका परिवार तोड़ना चाहते है। परिवार बचाने की गुहार करते हुए उन्‍होंने पत्नी का तबादला दूसरे जिले में करने की मांग की है। 

तहसीलदार के चाचा जबलपुर हाईकोर्ट के वकील देवेंद्र शर्मा ने भी डीजीपी के शिकायत कर कहा है कि कटनी एसपी अभिजीत कुमार रंजन से जान का खतरा है। मामला यहीं नहीं थमा। तीन दिन बाद सीएसपी ख्याति मिश्रा ने भी डीजीपी को चिट्ठी लिखी है। सीएसपी ने अपने पति तहसीलदार शैलेंद्र बिहारी शर्मा पर उत्पीड़न, मानसिक प्रताड़ना और झूठे आरोप लगाने का आरोप लगाया है। 

परिवार के विवाद ने एसपी फंस रहे हैं तो उनसे जुड़े पिछले विवाद भी चर्चा में आ गए हैं। ज्‍यादा दिन नहीं हुए जब बदमाशों की वसूली से परेशान व्‍यापारियों ने काम बंद किया तथा तब पुलिस पर तंज कसते हुए बीजेपी विधायक संदीप जायसवाल ने कहा कि अगर आप से नहीं होता तो बता दो हम सब व्यापारी उसी गुंडे से हाथ पैर जोड़कर शांति व्यवस्था की मांग करेंगे। भले इसके लिए हर महीने गुंडा टैक्स देना पड़े। 

विधायक के तीखे तेवर और तबादले की चर्चाओं के बीच एसपी अभिजीत रंजन तुरंत साथी अधिकारियों के साथ विधायक के जनता दरबार में पहुंचे थे। माना गया था कि इस पहल के बाद ही तबादले का संकट टला था। अब जब एक बार फिर आईपीएस तबादलों की सुगबुगाहट है, कटनी एसपी नए विवाद में घिर गए हैं। 

एसीएस का वीआरएस बन गया आपदा में अवसर 

इसे आप आपदा में अवसर कह सकते हैं या बिल्‍ली के भाग से छींका टूटने की लोकोक्ति का प्रयोग कर सकते हैं क्‍योंकि ऐसा मध्‍यप्रदेश के प्रशासनिक इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ है। हुआ यूं कि सीनियर आईएएस मोहम्‍मद सुलेमान ने अचानक वीआरएस ले लिया। 12 मार्च को उनके पद छोड़ देने के बाद तीन आईएएस के बीच उन कामों का बंटवारा हुआ जिन्‍हें मोहम्‍मद सुलेमान संभाल रहे थे जबकि दो आईएएस को पदोन्‍नति मिल गई। प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी को एसीएस के रूप में प्रमोशन मिला जबकि दिल्‍ली पदस्‍थ आईएएस विवेक अग्रवाल को प्रोफार्मा प्रमोशन मिला। 

आईएएस रश्मि अरुण शमी को मई में एसीएस विनोद कुमार के रिटायर होने के बाद प्रमोशन मिलना था। जुलाई में रिटायर होने वाले मोहम्‍मद सुलेमान समय के पहले विदा हो गए और रश्मि अरुण शमी को दो माह पहले एसीएस बनने का मौका मिल गया। अब विनोद कुमार के रिटायर होने के बाद प्रमुख सचिव वित्त मनीष रस्तोगी को एसीएस पद पर प्रमोशन मिलेगा। उसके बाद दीपाली रस्तोगी और शिवशेखर शुक्ला का नंबर आएगा।